नाहन (एमबीएम न्यूज): पांवटा साहिब के यमुनाघाट बैरियर पर कई महीनों से जारी फार्म नंबर-26 के फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया है। हिमाचल-उत्तराखंड की सीमा पर हुए इस घोटाले से सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा है। दरअसल माईनिंग फार्म की आड़ में राजस्व को चूना लगाया जा रहा था। अंतिम समाचार के मुताबिक पुलिस की कार्रवाई जारी है।
बताया जा रहा है कि नकली माइनिंग फार्म से लाखों रूपए के टैक्स बचाए जा रहे थे। साथ ही हिमाचल से निर्माण सामग्री को हरियाणा, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड भेजा जा रहा था। गौरतलब है कियमुना नदी से कई ट्रक, ट्रालियां व ट्राले यमुना पार उत्तराखंड चोरी छिपे रात के अंधेरे में बिना बिल के भेजे जाते हैं। मगर कोई भी विभाग इन पर कार्रवाई नहीं करता था। जानकारी के अनुसार सविता भंडारी एंड कंपनी ने जब कंपनी के नाम के बिल चैक किए तो वह बिल नकली पाए गए। जबकि उनके एक ही बिल नंबर के दो-दो बिल काटे गए। जिसके चलते उनके नाम के नकली बिलों से निर्माण सामग्री उत्तराखंड भेजी जा रही थी।
कंपनी के मालिक दीपक भंडारी ने बताया कि जब वह अपनी कंपनी के बिल चैक कर रहे थे। तो पाया कि कोई उनके माइनिंग नंबर के नकली माइनिंग फार्म व फर्जी बिल लगा यमुनाघाट बैरियर से निर्माण सामग्री ट्रकों के माध्यम से उत्तराखंड पहुंचाई जा रही है। इस नकली बिल व एम फार्म से खनन व आबकारी एवं कराधान विभाग की नाक तले लाखों रूपए के माइनिंग फार्म के फर्जीवाड़े हो रहे थे। कंपनी के मालिक ने कहा कि ऐसा भी माना जा रहा है कि इससे पहले भी फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनी कई फर्जी बिल बनाकर प्रदेश से उत्तराखंड निर्माण सामग्री भेजती हो।
उधर डीएसपी प्रमोद चौहान का कहना है कि दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं। चौहान ने कहा कि पुलिस की दबिश से पहले ही कंपनी का कर्मचारी फरार होने में कामयाब हो गया था। उन्होंने कहा कि एक ट्रक चालक से पूछताछ की जा रही है।