बद्दी (एमबीएम न्यूज) : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का नालागढ़ का एक दिवसीय एक बार फिर गुटबंदी की भेंट चढ़ गया। पूरा दिन मुख्यमंत्री नालागढ़ विस क्षेत्र के विभिन्न उदघाटन व शिलान्यास करने आए थे। कुछ दिनों से सीएम के करीबी व श्रम बोर्ड के चेयरमैन हरदीप सिंह बावा ही बुधवार के वीरभद्र सिंह दौरे व आयोजन को लेकर कमान संभाले हुए थे।
पूर्व कांग्रेस विधायक व नालागढ विस के टिकट के दावेदार लखविंद्र राणा अपनी सरकार होने के बाद भी लगातार साढ़े चार से हाशिए पर चल रहे थे। वह चार साल से सरकार के हर कार्यक्रम में शरीक तो हो रहे थे लेकिन हर बार वहां पर बावा समर्थकों का बोलबाला रहता था। लेकिन आज पूर्व विधायक राणा पूरी फार्म में दिखे और उन्होने हर कार्यक्रम में शक्ति प्रदर्शन कर बावा ग्रुप को एक प्रकार से बौना साबित कर दिया।
सीएम के नालागढ़ में कदम रखते ही विस क्षेत्र मानो जगं मे माहौल में तबदील हो गया हो। सीएम के सामने ही राणा व बावा समर्थकों में अपने – अपने नेता के पक्ष जोरदार नारेबाजी होती रही। पुलिस प्रशासन के लिए दोनो समर्थकों को काबू करना मुश्किल होता नजर आया। कई बार समर्थक में आपस में भिडते – भिडते बचे। आज लखविंद्र राणा पहली बार सैंकडों समर्थकों के साथ लैस होकर मैदान-ए जंग में उतरे थे ताकि हाईकमान को पता चल सके कि अवाम आज भी किसके साथ है।
राणा ने ब्राहण बेली से लेकर सीएम के हर कार्यक्रम में अपने समर्थकों संग पुरजोर हाजिरी भरी। पूर्व विधायक समर्थक सैंकडों की तादात में बाईक और कार की रैली की शक्ल में चलते रहे और बावा गुट पर भारी पडते नजर आए। राणा समर्थक अपने नेता के झंडे व पोस्टर लेकर पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरे थे और पहले की बजाय आक्रामक नजर आ रहे थे।
कुल मिलाकर गत विस चुनावों में 9000 वोटो से पिछडी कांग्रेस में अब भी वर्चस्व की जंग थमती नजर नहीं आ रही है। इससे पहले भी राणा व बावा गुट के समर्थक एक दूसरे से कई बार भिड चुके हैं और मामला कई बार तो हाथापाई तक पहुंच चुका है। इस मामले में हाईकमान ने भी आज तक कोई संज्ञान नहीं लिया। सीएम व अन्य मंत्रियों के दौरों में राणा गुट ज्यादा आक्रामक नहीं रहता था लेकिन अब चुनावी बेला पर हुए सीएम के दौरे से पहले जिस प्रकार लखविंद्र समर्थक बाहर निकले उससे नालागढ़ में नए समीकरण बनने की संभावना बन गई है।