मंडी (वी कुमार) : केंद्र सरकार हिमाचल को अध्यात्म पर्यटन योजना के तहत पैकेज स्वीकृत करे ताकि हिमाचल के धार्मिक स्थल पर्यटन से जुड़ सकें। केंद्र सरकार की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय की संसदीय परामर्श दात्री समिति की बैठक जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने की में हिमाचल के अध्यात्म पर्यटन योजना का मुददा उठाते हुए सांसद एवं परामर्श दात्री के सदस्य रामस्वरुप शर्मा ने यह शब्द कहे।
उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के लोग अध्यात्म पर्यटन की ओर आकर्षित हो रहे हैं तथा इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में अध्यात्म पर्यटन की अपार संभावना है। हिमाचल में अनेकों शक्ति पीठ हैं तथा यह तमाम शक्ति पीठ अभी तक पर्यटन से नहीं जुड़ पाए हैं। हिमाचल जैसे क्षेत्र में कुल्लू में बिजली महादेव, मंडी में बाबा भूतनाथ, पंचवक्त्र मंदिर, अर्धनारीश्वर मंदिर, कमरुनाग, पराशर, रिवालसर, शिकारी माता, चौहार घाटी का हुरंग नारायण, कांगड़ा की ब्रजेश्वरी माता, मां ज्वालामुखी व मां चामुंडा, सराहन की माता भीमाकाली के साथ 2018 में रोहतांग टनल बनकर तैयार हो जाएगी तथा अधिकतर पर्यटक लाहौल-स्पीति व कबायली इलाकों की ओर रुख करेंगे।
लाहौल-स्पीति के उदयपुर में माता मृकुला, बाबा त्रिलोकीनाथ, स्पीति में कुंजम माता व अन्य कई बहुत पीठ व गोंपा हैं जिन्हें पर्यटन से जुडना अति आवश्यक है। कबायली क्षेत्रों में लोगों को तमाम सुविधाएं न मिलने के कारण वह वहां से पलायन कर रहे हैं जिससे हिमाचल के उन क्षेत्रों की बोली, भाषा व संस्कृति लुप्त होती जा रही है। लाहौल क्षेत्र के चंद्र एवं भागा संगम तांदी में हरिद्वार की तर्ज पर धार्मिक उत्सव आयोजित होता है तथा केंद्र सरकार नॉर्थ ईस्ट की तर्ज पर अध्यात्म पर्यटन योजना के तहत हिमाचल को विशेष पैकेज स्वीकृत करे।
इससे पूर्व केंद्र सरकार ने हिमालयन सर्किट गठित होने से 200 करोड़ हिमाचल को बुद्धिष्ठ सर्किट और इको टूरिज्म के तहत स्वीकृत हुए हैं जिसके लिए सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पर्यटन मंत्री महेश शर्मा का आभार प्रकट किया है।