हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : नादौन के मूल रूप निवासी डॉक्टर सौरभ गलोडा हिमाचल प्रदेश के पहले गैस्ट्रो एवं लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन बन गए हैं। गत माह ही उन्होंने आईजीएमसी शिमला के जनरल सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर गस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जरी का कार्यभार संभाला है। सूचना मिलते ही नादौन क्षेत्र में खुशी की लहर है। डॉक्टर गलोडा के घर में बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। काबिलेगौर है कि डॉक्टर सौरभ गलोडा के पिता डा.नरेश गलोडा प्रदेश के जाने माने सर्जन हैं। डा. सुनीता गलोडा भी बतौर वरिष्ठ चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हुई हैं जोकि अब विभाग से सेवानिवृत्ति होने के बाद जिला में अपना निजी अस्पताल चलाते हैं। डॉक्टर गलोडा मूल रूप से नादौन के वार्ड नंबर 5 में रहते हैं जहां अभी भी डॉक्टर नरेश गलोडा के दो भाइयों का परिवार रहता है।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर सौरभ आईजीएमसी शिमला से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर से एमएस जनरल सर्जरी की है। उन्होंने सुपर स्पेशलाइजेशन एमसीएच सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी का प्रशिक्षण देश के प्रतिष्ठित संजय गांधी पीजीआइ संस्थान लखनऊ से प्राप्त किया है। इस दौरान उन्होंने लीवर एवं पित्त की थैली के कैंसर की सर्जरी, पैंक्रियास इंसुलिन ग्रंथि में सूजन, पैंक्रियाटाइटिस एवं कैंसर की सर्जरी, भोजन की नली, पेट एवं आंतों के कैंसर की सर्जरी, लेप्रोस्कोपिक विधि से पित्त की थैली, अपेंडिक्स, तिल्ली, छोटी एवं बड़ी आंत की सर्जरी, मोटापा कम करने की सर्जरी, एवं लिवर ट्रांसप्लांट की विधि का प्रशिक्षण एवं अनुभव ग्रहण किया है।
आईजीएमसी में ज्वाइन करने से गैस्ट्रो के किसी भी प्रकार के रोगों से पीडि़त मरीजों को ऑपरेशन के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा तथा इनका इलाज यही संभव हो जाएगा। इसके अतिरिक्त शीघ्र ही प्रदेश में लीवर बदलने की योजना का शुभारंभ भी हो सकेगा जिससे लीवर की खराबी तथा इससे पीडि़त अन्य प्रकार के रोगों के लिए भी प्रदेश में ही यह सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। डा. सौरभ की पत्नी डा. शिवानी हार्ट स्पेशलिस्ट हैं। नादौन के रिटायर्ड वेलफेयर एसोसिएशन, ब्रिलियंट क्लब, हिंद संग्राम परिषद सहित अन्य समाज सेवी संस्थाओं ने सौरभ की इस कामयाबी पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उनके परिजनों को बधाई दी है।