बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : मेरे पिता ने आत्महत्या नही की है बल्कि उन्हें कमेटी के सदस्य ने आत्महत्या करने के लिए उकसाया है, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया। साहब यह आत्महत्या नही, बल्कि कत्ल है। यह बात शनिवार को तिलक राज शर्मा के बेटे आदर्श शर्मा ने रोते हुए कहीं। गौरतलब है कि शुक्रवार को बरमाना थाना के अंतर्गत बैरी के पास तिलकराज शर्मा का शव पेड़ से लटकता हुआ मिला था और उसके जेब में एक सुसाइड नोट भी मिला था। जिस पर तिलक राज के बेटे ने उसी समय सवाल उठाते हुए कहा था की यह मेरे पिता की लिखावट नही है।
इस सुसाइड नोट के साथ कमेटी के सदस्यों के लेंन देंन का विवरण भी था। आदर्श शर्मा ने कहा कि उसके पिता को कमेटी के सदस्यों ने मरने के लिए मजबूर किया, जबकि उसके पिता इतना बड़ा कदम कभी नही उठाते। उसका कहना है की उक्त कमेटी सदस्यो ने शुरू में ही राशि उठाकर बाद में महीने की किस्तें नही दी, जिसकी भरपाई उसके पिता तिलक राज को अपनी जमा पूंजी और ब्याज पर पैसा उठाकर भरनी पड़ी। यहां तक कि अपनी एक इंश्योरेंस पालिसी पर भी लॉन लेना पड़ा। जब पिता ने इन कमेटी सदस्यो से पैसा मांगने की कोशिश भी की तो उक्त सदस्यो ने उनके साथ सही व्यवहार नही किया।
आदर्श का कहना है कि उसके पिता बरमाणा में इलेक्ट्रीसिटी सबंधित चीजो की रिपेयर कर घर का खर्च चलाते थे और उनका परिवार उनके ऊपर ही निर्भर था। वह स्वयं एमएससी सेकंड ईयर में पढ रहा है और एक बहन है, जो बीएससी कर आगे की पढ़ाई करने वाली थी। उसकी माँ मीरा देवी डिस्क प्रॉब्लम से जूझ रही है और पूरा परिवार उसके पिता की कमाई से ही चल रहा था। परन्तु कमेटी के लोगो के कारण आज उनके पास ना उनके पिता रहे ना ही कोई जमा पूंजी रही। आज अपने पिता के बाद उसके ऊपर अपनी माता एवम बहन और स्वयं का खर्च चलाने की जिम्मेदारी आ चुकी है, परन्तु वह स्वयम इस दुविधा में है कि वह पढ़ाई के साथ कैसे इस अचानक पड़ी जिम्मेवारी को निभाये। उसने पुलिस प्रशासन एवम सरकार से कमेटी सदस्यो द्वारा कमेटी की राशि न देकर उसके पिता को मानसिक पताड़ना देकर मरने के लिए उकसाने को लेकर न्याय की गुहार लगाई है।
उधर ग्राम पंचायत प्रधान सुशील कुमार उर्फ बबु ने तिलक राज शर्मा की इस मौत का जिम्मेवार कमेटी के उन सदस्यो को बताया है जिनके नांम मरने से पूर्व सुसाइड नोट पर लिखे है प्रधान ने कहा कि उक्त कमेटी सदस्य मृतक की जितनी भी राशि बनती है उनके परिवार को लौटाए, ताकि मृतक ने जो सपने अपने बच्चो की पढ़ाई और भविष्य को लेकर संजोए थे वो पूरे हो सके। अन्यथा उक्त कमेटी सदस्य मृतक तिलकराज शर्मा को आत्महत्या जैसा कदम उठाने को लेकर भुगतान के लिए तैयार रहे। इस इंसाफ की लड़ाई में मृतक के परिवार के साथ पूरा गावँ है।
इस गम्भीर एवम संवेदनीय मामले को लेकर मानव सेवा संस्थान कोटखाई के जिला बिलासपुर प्रधान अमरजी ने लोगो मे मर रही इंसानियत को लेकर कहा कि किस तरह समाज के कुछ लोग किसी के परिवार की खुशियां छीन लेते है। उन्होंने तिलक राज शर्मा की मौत को लेकर कमेटी सदस्यो को गुनाहगार ठहराया। उन्होंने कहा कि मृतक की आर्थिक स्थिति पहले बेहतर थी । परन्तु कमेटी डालने को लेकर उक्त कमेटी सदस्यो द्वारा दी गई सलाह के कारण ही मृतक ने यह रिस्क लिया था। जबकि स्वयम इन लोगो ने पहले ही कमेटी उठा ली। फिर किस्तें देनी भी बंद कर दी। बाकी सदस्यो को राशि देने के लिए मृतक को लोगो से कर्ज उठाना पड़ा और अपने पास जमा की गई पूंजी भी यही लगा दी।
मृतक ने कई बार उन्हें भी बताया कि कुछ कमेटी सदस्य किस्तें पूरी नही कर रहे है और वह अपने परिवार का खर्च भी नही निकाल पा रहे है। क्यूंकि जो भी वह दुकान में कमा रहे वह सारा पैसा किस्तो में जा रहा है। वह तिलकराज को सुसाइड जैसा कदम उठाने के लिए कमेटी के सदस्यो को जिमेदार ठहराते है और दोषियों के खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही करने की मांग करते है।