बददी (एमबीएम न्यूज़) : पूरे देश जहां जीएसटी लागू हो चुकी और पूरे देश में सामान कर प्रणाली लागू करने के लिए प्रयास किये जा रहे है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में अभी भी इस सामान कर प्रणाली को ठेंगा दिखाया जा रहा है जीएसटी लागू होने के बावजूद भी कई अन्य प्रकार कर वसूले जा रहे है। जीएसटी के बाद भी हिमाचल प्रदेश सरकार प्लास्टिक गुडस, मार्बल, लोहा, यार्न आदि पर प्रति किलो/प्रति टन व प्रति किवंटल के हिसाब से एजीटी (एडिशनल गुडस टैक्स) वसूल रही है।
इसके अलावा टोल टैक्स भी अभी तक यथावत जारी है। उद्योग संगठनों व उद्यमियों का आरोप है कि संबधित विभागों के मंत्री चुनवाी साल में अपने अपने चुनावी क्षेत्रों में डट गए हैं और इस मुददे की चिंता किसी को नहीं है। प्रमुख तौर पर प्रदेश की सीमाओं पर अभी भी लोहे पर 50 रूपये प्रतिटन एजीटी के रूप में वसूला जा रहा है जिससे लोहा उद्योगपतियों को प्रति वर्ष लाखों रूपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड रहा है। प्रदेश में 3 दर्जन से अधिक लोहा के उद्योग चल रहे थे, लेकिन सरकार की गलत नितियों के कारण यह उद्योग 1 दर्जन ही चालू हालत में रह गए है अगर सरकार ने अपना रवईया अभी भी नहीं बदला तो यह उद्योग भी बंद हो जायेगें।
जहां प्रदेश में ट्रांसपोटेशन इतनी अधिक मंहगी है कि उससे भी लोहा उद्योगपतियों की कमर टूट चूकी है और उपर से बिजली भी बहुत मंहगी है। पंजाब सरकार उद्यमियों को बहुत ज्यादा रियायतें दे रही है और उसने ट्रक यूनियनें भी भंग कर दी है। जीएसटी के बाद आशा थी कि हिमाचल सरकार भी कुछ राहत उद्यमियों को देगी लेकिन यहां पर उल्टी गंगा बहती प्रतीत हो हो रही है जिसकी गूंज प्रधानमंत्री कार्यालय तक जाने की संभावना है।
पिछले करीब 3-4 साल से प्रदेश का लोहा उद्योग बहुत अधिक मंदी के दौर से गुजर रहा है सरकार को चाहिए कि प्रदेश में लोहा उद्योग को बचाना है तो एजीटी को तुरंत हटाया जाए तथा परिवहन के साथ-साथ बिजली के दरों में भी कटौती की जाए। लोहा उद्योगपति आरएस मलिक, राजीव सिंगला, रमेश अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, सुरेन्द्र जैन, ओंकार कंग, बीबीएनआईए के प्रधान शैलेश अग्रवाल, यशवंत गुलेरिया, दिनेश जैन, मुकेश जैन, सुमित शर्मा एडवोकेट, संगठन सचिव अश्विनी शर्मा, सीआईआई के पूर्व प्रधान संजय गुलेरिया, राजेंद्र गुलेरिया, अरुण रावत, लघु उद्योग भारती के प्रदेश महामंत्री राजीव कंसल, सुभाष भरवाल, अनिल मलिक, स्टील विंग के प्रदेशाध्यक्ष संजीव शर्मा बरोटीवाला, पारस शर्मा व फें्रडस एलोयस के चेयरमैन सी.के शर्मा ने बताया कि इस मामले को शीघ्र ही सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के समस्त लोहा उद्योगों ने कहा कि प्रदेश के लोहा उद्योगपति एजीटी व अन्य मामलों को लेकर प्रदेश सरकार को 11 जुलाई मंगलवार को मिलेगें तथा अपनी समस्याओं से अवगत करवाएंगे। वहीं प्लास्टिक से जुडे उद्योग चलाने वाले उद्यमियों ने भी एजीटी के विषय में अपना दुखडा रोया है।