धर्मपुर (उमेश ललित) : उपमंडल की सरसकान पंचायत में एक बुजुर्ग ऐसे भी हैं जो उम्र का सैकड़ा तो पार कर चुके हैं लेकिन अभी भी वृद्धावस्था पेंशन की आस लगाए बैठे हैं। उनके परिजनों को नहीं मालूम कि उनके वृद्धावस्था पेंशन के आवेदन का क्या हुआ। विकास खंड धर्मपुर की सरसकान पंचायत के कुसरी वार्ड में सपड़ी गांव निवासी बिशन देव उम्र की सेंचरी तीन वर्ष पहले कर चुके हैं और 103 साल की उम्र में प्रदेश सरकार की वृद्धावस्था पेंशन का इंतजार कर रहे हैं।
वरिष्ठ नागरिक बिशन देव के दो पुत्र हैं जिनमें बड़ा बेटा सेना से सेवानिवृत्त हुआ है जबकि छोटा घर में रहकर खेतीबाड़ी करता है। उनका कहना है कि कई वर्ष तो उनका वृद्धावस्था पेंशन फॉर्म पटवारी ने यह कहकर ही नहीं भरा कि प्रार्थी का एक बेटा सरकारी कर्मचारी है। किसी वृद्धजन द्वारा अस्सी वर्ष की आयु पूरी कर लेने के पश्चात परिवार का कोई सरकारी कर्मचारी कोई मायने नहीं रखता इसके बावजूद भी वयोवृद्ध बिशनदेव को पेंशन न लग पाना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की बड़ी चूक कही जा सकती है।
इस चूक पर वेलफेयर सोसायटी फॉर एल्डरली एंड डेस्टिटूट पीपल ने कड़ा संज्ञान लेते हुए भारतीय समाज रक्षा संस्थान के उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाया है। सोसायटी के अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ खान और रेखा शर्मा ने बताया कि बिशनदेव जैसे लोग पूरे समाज के लिए अति विशिष्ट हैं। उनके मामले में विभागीय उदासीनता अच्छी बात नहीं जबकि वृद्धजनों के कल्याण के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग करोड़ों रुपए की कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है। उनका कहना है कि अस्सी वर्ष पूरे करने के बाद हर जरूरतमंद वृद्ध पेंशन का हकदार हैं। एक सौ तीन साल की उम्र में भी बिशन देव की श्रुति-स्मृति बिल्कुल दुरुस्त है और पेंशन के लिए अभी भी आश्वस्त है। मजेदार बात यह है कि पंचायत प्रतिनिधि कभी इस मामले को ग्राम सभा के माध्यम से उच्चाधिकारियों के समक्ष नहीं उठा पाए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल डॉ. धनी राम शांडिल ने कहा कि सौ साल की उम्र पार करने वाले वयोवृद्ध को वृद्धावस्था पेंशन न मिलने के मामले की जांच करने हेतु जिला कल्याण अधिकारी मंडी को लिखा गया है।