शिमला (एमबीएम न्यूज़): विपक्ष के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की अपमानजनक हार के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगा और कहा कि इस हार के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी लहर न केवल शिमला तक ही सीमित रहेगी, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी इसका असर स्पष्ट तौर पर देखा जाएगा।
आज सभी उपस्थित नवनिर्वाचित नगर निगम के भाजपा पार्षदों तथा मेयर-डिप्टी मेयर की मौजूदगी में एक भीड़ भाड़ वाले पत्रकार सम्मेलन में धूमल ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में चारों सीटें भाजपा की झोली में डालकर प्रदेश की जनता ने कांग्रेस सरकार को आगाह कर दिया था। इसके बाद सुजानपुर और भोरंज विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की सफलता के बाद कांग्रेस पार्टी को चेतावनी मिलती रही कि उनका जनाधार कम होता रहा है।
धूमल ने कहा कि नगर निगम चुनाव में मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र शिमला ग्रामीण के चार वार्डों में भाजपा प्रत्याशियों को बहुमत मिला है। इससे संकेत मिलते हैं कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अपना वोट बैंक भी खिसक रहा है।
धूमल ने कहा कि लगभग तीन दशकों बाद भाजपा ने नगर निगम पर अपना प्रभुत्व जमाया है और पूर्व कांग्रेस तथा माकपा वाली नगर निगम जिसने शहर के लोगों को गंदा पानी पिलाया और पीलिया फैलाया, ऐसे नगर निगम से मुक्ति प्राप्त की है। धूमल ने नए नगर निगम की प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए कि उनकी सबसे पहली प्राथमिकता नगर वासियों को स्वच्छ जल आपूर्ति सुनिश्चित करना होगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने विश्व बैंक से शिमला नगर निगम के लिए सतलुज नदी से पानी की आपूर्ति के लिए 450 करोड़ की एक योजना स्वीकृत करवाई थी, लेकिन खेद है कि चार साल बाद भी कांग्रेस सरकार ने इस संबंध में कोई उत्साह नहीं दिखाया औरे इस योजना को कार्यान्वयन करने में देरी की। उन्होंने कहा कि किन कारणों से यह योजना खटाई में पड़ गई, इसका भाजपा सरकार सत्ता में आने पर जांच करवाएगी।
उन्होंने कहा कि शिमला के सौंदर्यीकरण के लिए एशिया डिवलपमेंट बैंक द्वारा दी गई राशि का दुरूपयोग करने का सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि शिमला के प्राचीन विरासती ढांचे से छेड़छाड की गई है, जिसकी जांच की जाएगी।
धूमल ने कहा कि निगम चुनाव में भाजपा को अपने नवनिर्वाचित पार्षदों को एकजुट रखने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी और उनको एक गुप्त स्थान पर रखा गया, ताकि कांग्रेस पार्टी 1998 के घटनाक्रम को फिर से ना दोहरा सके, जब ज्वालामुखी के एक विधायक को कांग्रेस ने बंदी बना लिया था और अपनी सरकार बना ली थी जो दस दिन बाद ही गिर गई थी। धूमल ने कहा कि हमें सूचना मिल गई थी कि कांग्रेस पार्टी हमारे नवनिर्वाचित पार्षदों की लोकेशन टेªस कर रहे थे, जिसके बाद हमने साबधानी बरती।
धूमल ने शिमला के सभी मतदाताओं का आभार प्रकट किया और पार्टी नेताओं डाॅक्टर राजीव बिंदल, सुरेश भारद्वाज द्वारा शिमला में भाजपा की रणनीति तैयार करने की सराहना की और कहा कि प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने भी नगर निगम चुनाव में काफी मेहनत की तथा रणनीति बनाई।