नाहन (एमबीएम न्यूज): छात्रों को बेहतर व गुणात्मक शिक्षा देना हमारा कर्तव्य है। आज के आधुनिक युग में छात्रों को तकनीकी, बेहतरीन व उन्हें स्वावलंबी बनाना हमारा दायित्व है। यह बात बाहरा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा. एसके बंसल ने कही। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आधुनिक कोर्सिस की शुरूआत कर चुका है। उन्होंने कहा कि तकनीकी समाधान व शैक्षिक डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम को लागू करने के लिए गूगल इंडिया व सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ न्यू प्रोग्रेम्स की शुरूआत की है। इसी के चलते विश्वविद्यालय ने गूगल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आरंभ किया है।
इस केंद्र में विभिन्न अंडरग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट कार्यक्रमों की शुरूआत की जाएगी। जबकि सीमेंस ने विवि परिसर में प्रमाणित व्यवसासिक शिक्षण केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही बाहरा विवि नए सत्र से एमए इंग्लिश व जर्नलिज्म के कोर्स शुरू करने जा रही है। उन्होंने कहा कि विवि का प्रयास रहता है कि छात्रों को दुनिया भर की आधुनिक कोर्सिज से जोड़े। उन्होंने बताया कि नाहन में चौहान का बाग में बाहरा विवि का आफिस खोला गया है। इस मौके पर उसके साथ सीमेंस से आई जेसमीन लबाना व मार्केटिंग के हैड अभिनव नंदा उपस्थित थे
छात्रों को दी जा रही आर्थिक मदद
बाहरा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा. एसके बंसल ने बताया कि विवि में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों की आर्थिक मदद भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन छात्रों के माता-पिता दोनों ही इस दुनिया में नहीं है। उनकी टयूशन फीस में शत-प्रतिशत छूट दी जा रही है। जबकि जिन छात्रों के पिता जीवित नहीं है। उनकी टयूशन फीस में 50 प्रतिशत की रियायत दी गई है। उन्होंने कहा कि माता-पिता की इकलौती बालिका को 50 प्रतिशत टयूशन फीस में छू व बाहरा विवि में पढऩे वाले भाई-बहन को 25 प्रतिशत टयूशन फीस की रियायत दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि एससी, एसटी व ओबीसी के छात्रों को भी विशेष सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस समय विवि में 24 स्टूडेंट ऐसे हैं, जिन्हें यह लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनमें से 9 छात्र ऐसे हैं, जिनके माता-पिता इस संसार में नहीं है। जबकि एससी, एसटी व ओबीसी के छात्रों को विशेष छूट के साथ-साथ पढ़ाई पूरी होने पर अच्छी प्लेसमेंट दी जा रही है।