बद्दी (एमबीएम न्यूज) : एक जुलाई से लागू होने जा रहे जी.एस.टी (माल और सेवा कर) को लेकर एमसएएमई विभाग ने लघु उद्योग भारती के साथ मिलकर एमजी रिजेंसी होटल में एक सैमीनार का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के प्रदेश निदेशक सी.वी सर्राफ ने की जबकि लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष डा विक्रम बिंदल व महामंत्री राजीव कंसल विशेष तौर पर उपस्थित हुए। सर्वप्रथम आबकारी एवं कराधान विभाग के ईटीओ देवकांत खाची ने आने वाले जीएसटी पर विशेष तौर पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि यह पूर्व में लगने वाले वैट की तरह ही है लेकिन इसमें आमूल चूक परिवर्तन किया गया है इसलिए किसी को घबराने व डरने की जरुरत नहीं है।
उन्होने कहा कि पूरे देश में एक समान कर प्रणाली लागू हो जाने से कई विसंगितयां समाप्त जो जाएगी। सैमीनार में चंडीगढ़ से विशेष तौर पर पहुंचे जीएसटी टैक्स विशेषज्ञ चेतन झालरिया ने हाऊस को संबोधित करते हुए बताया कि जीएसटी मुख्यत: प्रौद्योगिकी संचालित है। इससे मानवीय हस्तक्षेप बहुत हद तक कम हो जाएगा जिससे निर्णयों में तेजी आएगी। माल और सेवा कर से भारत में उत्पादित वस्तुएं एवं सेवाएं भारत के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनेंगी और इससे भारत सरकार की महत्पवूर्ण पहल मेक इन इंडिया को बहुत प्रोत्साहन मिलेगा। चेतन ने बेवाकी व तर्कसंगल तरीके से उद्यमियों के तमाम सवालों का जबाव दिया और जिज्ञासाओं को शांत किया।
उन्होने बताया कि करदाताओं को केंद्र और राज्य सरकारों के अनेक अप्रत्यक्ष कर कानूनों जैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट, केंद्रीय बिक्री कर, चुंगी, प्रवेश कर, लगजरी कर, मनोरजंन कर आदि का अभिलेख रिकार्ड रखने और अनुपालन करने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होने इनपुट टैक्स क्रेडिट, रिफंड, डिमांड, कर भुगतान, रिर्टन फाईल आदि के बारे में प्रोजेक्टर के माध्मय से एक प्रैजेनटेशन चलाकर उद्यमियों को जागरुक किया। इससे पहले विभाग के सहायक निदेशक राजीव डोगरा ने आने वाले समस्त उद्यमियों व अधिकारियों का स्वागत किया। लघु उद्योग भारती हिमाचल व इकाई के पदाधिकारियों ने इस ज्ञानवर्धक जीएसटी सैमीनार का आयोजन करने पर एमएसएमई विभाग का आभार जताया।