रिकांगपिओ (जीता सिंह नेगी): जिले का एकमात्र क्षेत्रीय चिकित्सालय आंतरिक समस्याओं से जूझते हुए मरीजों को वो सुविधा मुहैया नहीं कर पा रहा है, जितनी इसकी क्षमता है। हालांकि चिकित्सालय में अपने आप में सम्पूर्ण प्रयोगशाला है, लाखों रूपयो की अल्ट्रासाऊंड मशीन एवं वेंटीलेटर मशीन है, मगर फिर भी चिकित्सालय प्रशासन की कमी के चलते मरीज इसका लाभ नहीं उठा पा रहें हैं। चिकित्सालय में हजारों मरीज जिला के पूह, कल्पा, निचार तीनों उपमंडलों सहित काजा, स्पीति क्षेत्र से अपना इलाज कराने आते है, मगर प्रशासन की कमी के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
चिकित्सालय के प्रयोगशाला में सारे रिपोर्ट ऑटोमेटिक मशीनों के चलते तुरंत मुहैया की जा सकती है मगर ऐसा नहीं हो रहा है। यही नहीं बात यहां तक हो रही है कि चिकित्सालय में लगभग सारे टैस्ट करवाने का प्रबंध है, मगर फिर भी मरीजों को कई टैस्ट करवाने के लिए निजी प्रयोगशालाओं का रूख करना पड़ता है।
बताया जा रहा है कि प्रयोगशाला में कार्यरत कर्मचारियों की नाकामी के कारण ही ऐसा हो रहा है, जिससे चिकित्सालय प्रशासन भी मजबूर साबित हुआ है। चिकित्सालय प्रयोगशाला कर्मचारियों की मनमानी तब उजागर हुई जब चिकित्सालय की वार्षिक मिटिंग आयोजित हुई, जिसमें कुछ कर्मचारियों के कार्यप्रणाली की जमकर भत्सर्ना की गई। इसके अतिरिक्त चिकित्सालय में रेडियोलोजिस्ट न होने से मरीजों को अल्ट्रासाऊंड के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। मजबूरन मरीजों को अल्ट्रासाऊंड करवाने के लिए रामपुर के निजी प्रयोगशालाओं में जाकर मोटी रकम चुकाने को मजबूर होना पड़ता है। रामपुर दूर होने केे कारण कई बार तो मरीजों की तबीयत ओर ज्यादा बिगड जाती है।
यहीं हालात लाखों रूपयों की वेंटीलेटर मशीन की है, जो बिना एनेस्थिीसिया के चिकित्सालय में धूल फांकने को मजबूर है। इसके अतिरिक्त बिना ऐनेस्थिीसिया के चिकित्सालस में अपनी डयुटी दे रहे विशेषज्ञ डाक्टर भी अपना काम नहीं कर पर रहे है, जिसका सीधा नुकसान मरीजों को उठाना पड़ रहा है।
विस उपाध्यक्ष एवं विधायक जगत सिंह नेगी ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए प्रयोगशाला में कार्यरत कर्मचारियों की रिपोर्ट तलब करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अल्ट्रासाऊंड के लिए जब तक स्थाई रेडियोलोजिस्ट नहीं मिलता, तब तक हर माह के बुधवार, वीरवार व शुक्रवार को रामपुर से रेडियोलोजिस्ट की डयूटी लगाई गई है। इसके अतिरिक्त चिकित्सालय में ऐनेस्थेसिया भी मुहैया करने बारे सरकार से बात कर मरीजों को राहत प्रदान की जाएगी।