घुमारवीं (सुभाष कुमार गौतम) : हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग द्वारा प्रदेश की बड़ी झीलों बिलासपुर की गोबिंद सागर व पौंग डैम सहित जलाशयों पर दो महीने के लिए मछली आखेट पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध दो महीने जून – जुलाई तक लागू होगा। हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग के डायरेक्टर गुरचरण सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग प्रति वर्ष मत्स्य शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देता है। क्यूंकि जून व जुलाई महीने मछली उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह दो महीने मछली उत्पाद व विकास के लिए बेस्ट ब्रीडिंग सीजन माना जाता है और इस सीजन में सबसे ज्यादा मत्स्य प्रज्जन होता है।
विभाग इन जलाशयों में मछली उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के नई नस्ल के मछली बीज डालता है। इसलिए दो महीने के लिए मछली आखेट पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश मत्स्य उत्पाद के कारण ग्यारह हज़ार परिवारों की रोजी रोटी चलती है जिनमें से छ:हजार परिवार गोबिंद सागर व पौंग डैम जैसे बड़े जलाशयों पर निर्भर हैं, जबकि पॉच हजार परिवार अन्य जलाशयों पर निर्भर हैं। गुरचरण सिंह ने बताया कि मछली शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए विभाग ने 17-17 टीमें बनाई गई है जो इन जलाशयों पर हर समय नजर रखेंगी और अगर इस दौरान कोई मछली शिकार करता पाया जाता है तो उसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सभी अधिकारियों व कर्मचारियो को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं । गौरतलब है कि बिलासपुर की गोबिंद सागर झील व पौंग डैम झील से सरकार को हर वर्ष करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त होता है लेकिन जून व जुलाई महीने में मछली शिकार को पूर्णतः बंद कर दिया जाता है। जबकि जुलाई महीने के बाद दुबारा मछली व्यापार का व्यवसाय शुरू हो जाता है।