मंडी (वी कुमार) : जिला की करसोग घाटी के दुर्गम क्षेत्र में वन रक्षक की हत्या मामले में सीएम वीरभद्र सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम वीरभद्र सिंह का कहना है कि कई दफा इस तरह के एक-दो केस हो जाते हैं, क्योंकि वन रक्षकों का कार्य काफी जोखिम भरा होता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
सीएम ने कहा कि प्रदेश की पुलिस जांच करने में पूरी तरह से सक्षम है और भविष्य में अगर आवश्यकता हुई तो फिर केंद्रीय जांच एजैंसियों का सहारा लिया जा सकता है। उन्होंने वन माफिया की बातों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश में कभी वन माफिया का खौफ था लेकिन आज वन माफिया दूर भागते हैं।
वहीं दूसरी तरफ शनिवार को मृतक वन रक्षक होशियार सिंह का जोनल हास्पिटल मंडी में पोस्टमार्टम करवाया गया लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव लेने से इनकार कर दिया। वन अरण्यपाल के हस्तक्षेप और आश्वासन के बाद परिजन शव लेकर घर के लिए रवाना हुए। मृतक वन रक्षक के परिजनों ने वन विभाग पर लापरवाही बरतने और वन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
परिजनों का कहना है कि होशियार सिंह को धमकियां मिल रही थी और वन विभाग के उच्चाधिकारी इस बात को हल्के में ले रहे थे। परिजनों का कहना है कि जंगल में पेड़ों के ताजा कटान के सबूत मौजूद हैं और फिर भी वन विभाग कोई कार्रवाही नहीं कर रहा है। वहीं उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही परिजनों ने धरना प्रदर्श करने और चक्का जाम करने की चेतावनी भी दी है।
वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने पूरे मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस ने घटनास्थल से कुछ सबूत जुटाए हैं लेकिन अभी उनका खुलासा नहीं किया जा रहा है। उच्चाधिकारी जल्द ह पूरे मामले को सुलझा लेने का दावा कर रहे हैं।