हरिपुरधार । मनीषा ठाकुर: गिरीपार क्षेत्र में हुई भारी ओलावृष्टि से किसानो की विभिन्न फसलों को भारी नुक्सान हुआ है। फसलों को पहुंचे भारी नुकसान से क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गई है। एक महीने पहले ही किसानो ने आलू व फ्रांसबीन की फसल लगाई थी। भारी ओलावृष्टि के कारण यह फसलें चौपट हो गई है। खेतों में पकने को तैयार गेंहू व जौ की फसलें कटाई से पहले ही मिट्टी में मिल गई है। एक महीने बाद तैयार होने वाली लहसुन की फसल पर जहां ओलावृष्टि ने भारी कहर बरपाया है वही टमाटर की फसल पर इसकी भारी मार पड़ी है। कुदरत की कहर से कोई भी फसल नहीं बच पाई है। कृषक धर्मपाल, सुरेंद्र, गोपाल ठाकुर, अनिल कुमार, देवीराम, दौलत राम, रण सिंह, जयपाल, भगत, तपेंद्र, वीरेंद्र, जागर सिंह, मान सिंह, जगदीश कुमार व दीप राम ने बताया कि अक्टूबर में मटर का सीजन समाप्त होने के 7 महीने बाद तक किसानों को नए साल की पहली नगदी फसल लहसुन के सीजन का बेसब्री से इंतजार रहता है। ओलावृष्टि से किसानों की मेहनत पर पानी फिरने के कारण उन्हे भारी आर्थिक संकट पैदा होने का डर सता रहा है।
सेब आडू की फसल तबाह
भारी ओलावृष्टि ने क्षेत्र के बागवानों-किसानों की बैचेनी बढ़ा दी है। सेब, आडू, नाशपाती व खुमानी आदि फसलों पर फ्लावरिंग के बाद मौसम की भारी मार पड़ने के कारण बागवानों को इन फसलों से भारी नुक्सान होने की चिंता सता रही है। किसानों व बागवानों ने सरकार से मांग की है कि प्रशासन को नुक्सान का जायजा लेने के लिए मौके पर भेज दिया जाए और नुक्सान का जायजा लेने के बाद किसानों व बागवानों को उनकी खराब फसलों का मुआवजा दिया जाए।