शिमला (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र की दूसरी बैठक हंगामेदार रही। प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई परियोजनाओं की लंबित डीपीआर को लेकर सतापक्ष और विपक्ष आमने-सामने हुए और कैबिनेट मंत्री कौल सिंह ठाकुर के जवाब से असंतुष्ठ भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।
File Photoभाजपा विधायकों ने कौल सिंह पर गलत जानकारी देकर सदन को गुमराह करने का आरोप जड़ा तो कौल सिंह ने पलटवार करते हुए विपक्ष को उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की चुनौती दे डाली। प्रश्नकाल समाप्त होने के कुछ समय पहले विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। बजट सत्र की दूसरी बैठक में विपक्ष का यह पहला वाकआउट है।
दरअसल भाजपा विधायक रविंद्र रवि ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनाओं की डीपीआर से जुड़ा सवाल किया था। उनका कहना था कि मंत्री ने लिखित उत्तर में आधी अधूरी जानकारी दी है। कृषि मंत्री सुजान सिंह पठानिया की अनुपस्थिति में स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश सरकार ने कृषि सिंचाई योजनाओं की अब तक 1857 डीपीआर केंद्र को भेजी हैं। इन डीपीआर में 7 मध्यम सिंचाई परियोजनाओं से जुड़ी हैं। 5667.54 करोड़ की इन सभी डीपीआर से लगभग 1 लाख 86 हजार 18 हैक्टेयर क्षेत्र सिंचित होना है।
कौल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को इन डीपीआरों को स्टेट टैक्निकल एडवाइजर कमेटी की मंजूरी के बाद भेजा गया है। मगर केंद्र ने इन्हें ठंडे बस्ते में डाला हुआ है। ये डीपीआर हिमाचल को वापिस भी नहीं जा रही हैं। केंद्र सरकार इन डीपीआर को लेकर गंभीर नहीं है। कौल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार से डीपीआर स्वीकृति करने बारे केंद्र से कई बार आग्रह भी किया गया। इस बाबत अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कई पत्र केंद्र सरकार को लिखे। लेकिन डीपीआरों को नामंजूर करके केंद्र सरकार पैसा जारी नहीं कर रहा है।
भाजपा के महेश्वर सिंह ने अनुपूरक सवाल में कुल्लू जिला की प्रीणी-बिजली महादेव मध्यम सिंचाई परियोजना की लंबित डीपीआर का मुद्दा उठाया। लंबित डीपीआरों पर भाजपा विधायकों रविंद्र रवि और महेंद्र सिंह की कौल सिंह से नोकझोंक हुई। दोनों ने अधूरी डीपीआर भेजने का आरोप राज्य सरकार पर जड़ा। बाद में नारेबाजी करते हुए भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गए।