राजगढ़ (शेरजंग चौहान) : पहाड़ों पर भी कई विलक्षण प्रतिभाएं छुपी हैं, मगर उन्हें जनमानस तक पहुंचाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। उन्हीं में से एक हैं, ग्राम कुलथ के अजय वर्मा। ये बहुंमुखी प्रतिभा के धनी हैं, लेकिन सही प्लेटफार्म न मिलने के कारण इधर-उधर भटकते नजर आते हैं। ये जहां प्रथम श्रेणी के गायक, अभिनेता, नर्तक, निदेशक, कोरियोग्राफर, कवि, लेखक, तैराक, घुड़सवार हैं वहीं राष्ट्रीय स्तर पर कई खेलों के खिलाड़ी भी रह चुके हैं।
कलाकार के रूप में अजय वर्मा ने कुल्लुवी विडियो फिल्म ‘‘मां कृपा करो’’ में बिरजु की भूमिका निभाई है जो कुल्लु, मंडी तथा शिमला में काफी पसंद की गई। अगली फिल्म भी लांच होने वाली है, जिसका नाम ‘‘उजी रा खापरा’’ है। यह भी कुल्लुवी फिल्म है। इसे अजय वर्मा ने सिरमौरी भाषा में स्वयं डब किया है, जिसमें उन्होंने अपनी आवाज को सात तरह से निकाल कर, फिल्म को रोचक बनाने की कोशिश की है। इसके अलावा डीडी वन एवं डीडी कशीर पर दिखाए गए धारावाहिक ‘‘पढ़ी-लिखी लडक़ी’’ नामक सीरियल में ओम नाम से मुख्य भूमिका निभाई है। इनके अलावा वर्मा ने पांच आडियो कैसेट्स के वीडियो फिल्मांकन में निर्देशक की भूमिका निभाई है जिनमें ‘‘छोटा कड़ा चुक लच्छिए’’, ‘‘मेरी जाने रा बसेरा’’, ‘‘दिल खो गया’’, तुम को न भूल पायेंगे’’ तथा ‘‘सावन को आने दो’’ शामिल हैं। एक सिरमौरी हास्य वीडियो फिल्म ‘‘ कलयुगी महाभारत’’ स्वयं निकाली है, जिसमें इन्होंने मुख्य पात्र दुर्योधन की भूमिका निभाई है। गायक के तौर पर अजय वर्मा ने स्वयं की आवाज में ‘‘आगाज’’ नाम की ऑडियो कैसेट भी निकाली है।
नर्तक के रूप में अजय, डांस-किंग के तौर पर ख्याति प्राप्त कलाकार हैं। इनकी दर्जनों उपलब्धियों में से कुछ इस प्रकार हैं। सोलन की फिलफोट नामक संस्था, हिटको क्लब एवं ग्रीन क्लब द्वारा रखी गई प्रतिस्पर्धाओं में इन्होंने प्रथम स्थान पर रह कर अपने नृत्य का लोहा मनवाया।
यदि खिलाड़ी के तौर पर अजय का आंकलन किया जाए तो खेल प्रतिभा में भी ये किसी से कम नहीं है। ये बास्केट बॉल एवं कबड्डी के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रह चुके हैं। क्रिकेट में ये राजगढ़ क्षेत्र के एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने राजगढ़ के बडू साहिब में शतक जमाया है। ऑल राउंडर होने के नाते, क्षेत्र की क्रिकेट प्रतियोगिताओं में इन्होंने दर्जनों बार ‘‘मैन ऑफ द सीरिज’’ का खिताब जीता है।
आजकल अजय वर्मा रावमा पाठशाला भनोग में डीपीई के पद पर कार्यरत हैं। यहां पर भी इन्होंने अपनी गहरी छाप छोड़ते हुए, कबड्डी में अपना जादू बनाए रखा और स्कूल के खिलाड़ी बच्चों को राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा दिया है। इनकी उपलब्धियों में अभी तक ये, दो बच्चों को राष्ट्रीय स्तर तक, 20 बच्चों को राज्य स्तर तक पहुंचाने में कामयाब हुए हैं। इनकी खेल भावना ही कहिए कि कबड़्डी को सिखाते हुए ये अपनी टांग भी तुड़वा चुके हैं और कई महीनों प्लास्टर के साथ लड़ते रहे हैं।
अजय वर्मा ने राजगढ़ से जमा दो, सोलन से ग्रेजुएशन, अमरावती से डीपीएड तथा नागपुर से एमपीएड की है। इनके पिता मदनसिंह अग्रणी बागवान हैं।