नाहन (शैलेंद्र कालरा): सिरमौर के दुर्गम क्षेत्रों में अब भी आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का टोटा है। प्रसव पीड़ा के दौरान गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंचने में खासी जद्दोजहद करनी पड़ती है। ऐसे में हरिपुरधार क्षेत्र में चाढऩा के रहने वाले 35 वर्षीय बलबीर गर्भवती महिलाओं की प्रसूति के मसीहा बने हुए हैं।
बात हैरान कर देने वाली लग सकती है, लेकिन सच्चाई है कि अब तक बलबीर ने 108 एंबूलेंस में ही 80 प्रसव करवाए हैं। केवल एक मामले में ही असफलता मिली, क्योंकि यहां छह माह के गर्भ के शिशु को बचाना मुश्किल था। रविवार को गर्भवती महिला को नौहराधार ले जाते वक्त ऐसी परिस्थितियां पैदा हुई कि रास्ते में ही एंबूलेंस को रोककर प्रसव करवाना पड़ा। यहां शिशु का सिर नजर आने लगा था।
ईएमटी बलबीर की सूझबूझ देखिए कि फौरन ही स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रेणु से फोन पर संपर्क साध लिया। जैसे विशेषज्ञ ने बताया, ठीक वैसे ही बलबीर ने स्वस्थ बेटे को जन्म दिलवा दिया। इससे एंबूलेंस में मौजूद कौशल्या देवी व जयपाल के चेहरे पर लंबी मुस्कान तैर गई।
यह मामला सामने आने के बाद, जब एमबीएम न्यूज ने ईएमटी बलबीर से संपर्क साधा तो बात हैरानी वाली थी, क्योंकि इससे भी जटिल प्रसूतियां बलबीर सफलतापूर्वक करवा चुके थे। आंकड़ा, जब 80 बताया गया तो भी चौंकने वाली बात थी। ईएमटी बलबीर के मुताबिक इसी महीने एंबूलेंस में वह पांच डिलिवरियां करवा चुके हैं।
विशेष बातचीत के दौरान बलबीर ने बताया कि कौशल्या की प्रसूति को लेकर रविवार सुबह सवा नौ बजे कॉल मिली। इसके बाद वह 6 मिनट के भीतर ही महिला तक पहुंचे। महिला ने नौहराधार ले जाने को कहा। विशेष अनुमति लेने के बाद जब महिला को नौहराधार की तरफ ले जाया जा रहा था, तो रास्ते में ही शिशु का सिर नजर आने लगा। कुछ मिनटों की देरी जोखिम बढ़ा सकती थी।
आपको याद होगा, सुपरहिट मूवी थ्री इडियट में भी पेचीदा प्रसूति को फिल्माया गया था। ठीक उसी तरह से 35 वर्षीय बलबीर तो रोज ही हकीकत में इस तरह के सीन रिपीट करते हैं।