शिमला, 4 सितंबर : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को हमीरपुर जिला के नादौन से मुख्यमंत्री सबल योजना का शुभारम्भ किया। इस पहल का उद्देश्य प्रदेश के हमीरपुर, सोलन और शिमला जिलों के 400 विद्यालयों में विशेष देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चों को सहयोग प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से अक्षम बच्चों के क्षमता विस्तार, आकांक्षाओं और जीविकोपार्जन में सहयोग से उनके उज्ज्वल भविष्य के दृष्टिगत तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दो चैटबॉट्स ‘अभ्यास हिमाचल’ एवं ‘शिक्षक सहायता’ का भी शुभारम्भ किया। यह चैटबॉट्स स्विफ्ट चैट ऐप (chatbots swift chat app) के माध्यम से संचालित होंगे और इनसे कृत्रिम मेधा से युक्त संवाद आधारित व्हाट्सऐप जैसी सुविधा उपलब्ध होगी। इनसे विद्यार्थियों को किसी भी मोबाइल के माध्यम से किसी भी स्थान पर अपने पाठ को दोहराने की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
इस सुविधा को प्रश्नोत्तरी के रूप में तैयार किया गया है और इसमें शैक्षणिक वीडियो उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिसे कक्षा में विद्यार्थी और शिक्षक दोनों ही उपयोग में ला सकेंगे और इससे उन्हें कक्षा में उनके पढ़ाने एवं सीखने के अनुभव को और विस्तार मिल सकेगा। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने ‘सम्पर्क साईंस टीवी प्रोग्राम’ की भी शुरुआत की। यह कार्यक्रम एक सामान्य टीवी को स्मार्ट टीवी में बदलने के लिए तैयार किया गया है।
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इस नवोन्मेष का उद्देश्य गणित एवं अंग्रेजी विषयों सहित अन्य पाठ्यक्रमों में बच्चों के अनुभव को और विस्तार देना है। इस कार्यक्रम में शैक्षणिक सामग्री पहले से ही अपलोड की जाएगी और इसका उपयोग करने के लिए इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता नहीं होगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सबल योजना एक व्यापक कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य राज्य में विशेष रूप से सक्षम बच्चों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। इस पहल में इस संवेदनशील वर्ग को आधारभूत सुविधाएं और पर्याप्त अवसर प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में विशेष रूप से सक्षम बच्चों के लिए दो प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है और इसके लिए शीघ्र ही एक अभियान के रूप में भर्ती प्रक्रिया आरम्भ की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विशेष रूप से सक्षम बच्चों के लिए शिक्षा वृत्ति (स्टाइपेंड) बढ़ाकर एक हजार रुपये करने की घोषणा की।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों के प्रश्नपत्र बेचे गए, लेकिन वर्तमान सरकार द्वारा इसके दोषियों को सलाखों के पीछे करने के दृष्टिगत कड़े कदम उठाए गए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मेरिट आधारित और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने हमीरपुर में आगामी दो माह में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग (HPSSC) के स्थान पर राज्य चयन आयोग (SSC) की स्थापना की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस नए आयोग के माध्यम से सभी परीक्षाएं कम्प्यूटर प्रणाली के माध्यम से ली जाएंगी, ताकि भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा कि इस नए आयोग के माध्यम से शीघ्र ही शिक्षकों के 6 हजार पदों के लिए भर्ती की जाएगी। इसके अतिरिक्त वन विभाग में 3 हजार वन मित्रों की भर्ती की जाएगी और पुलिस विभाग में 1200 पद भरे जाएंगे, जोकि नशे की रोकथाम के लिए विशेष कार्य बल के रूप में कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष प्रदेश सरकार 10 हजार से अधिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया का संचालन करेगी।
इस अवसर पर विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, संजय रतन व सुदर्शन सिंह बबलू, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, पूर्व विधायक मनजीत डोगरा, कांग्रेस नेता राम चंद्र पठानिया, नरेश ठाकुर, डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।