नई दिल्ली, 23 अगस्त: अंतरिक्ष विज्ञान में भारत ने दुनिया भर में डंका बजाया है। हर भारतवासी का सीना 23 अगस्त 2023 की शाम 6ः03 बजे उस समय फक्र से चौड़ा हो गया, जब चंद्रयान-3 मिशन (chandrayaan-3 mission) को सफलता मिल गई।

चांद के दक्षिणी ध्रुव (moon’s south pole) पर लैंड (land) करने वाला भारत विश्व (India world) का पहला देश बना है, जबकि चांद (Moon) पर उतरने वाला चौथा राष्ट्र है। शाम 5ः20 बजे के आसपास चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के स्वचालित लैंडिंग (landing) अनुक्रम यानि एएलएस (ALS) को शुरू कर दिया गया। लैंडर मॉड्यूल (lander module) की लैंडिंग से पहले चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में उतारने की जमीन तैयार कर ली गई थी।
करीब 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद चंद्रमा की सतह पर भारत ने इतिहास बनाया है। अंतिम पड़ाव की प्रक्रिया बेहद नाजुक व जटिल रही। आखिर के 17 से 18 मिनट काफी अहम साबित हुए। इसे इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों ने 17 मिनट ऑफ टेरर (off terror) बताया था।
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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी दक्षिण अफ्रिका (south Africa) से इन पलों के गवाह बनने के लिए कक्ष से जुड़ गए हैं। अंतिम 3-4 मिनटों में लैंडर की चंद्रमा की सतह से दूरी करीब 5-6 किलोमीटर की थी। 5ः59 बजे पर सतह से दूरी दो किलोमीटर से भी कम रह गई थी। लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरते ही पूरे कक्ष में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।