शिमला, 26 जून : हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री (PWD Minister) विक्रमादित्य सिंह ने ठियोग के समीप लैंडस्लाइड से अवरुद्ध हाईवे को 168 घंटे (7 दिन) में बहाल करने का वादा किया था। मंत्री ने कहा था कि 7 दिन के भीतर वैली ब्रिज (Theog Valley Bridge) का निर्माण कर लिया जाएगा। लेकिन विभाग ने इस कार्य को 6 दिन (144 घंटे) में ही पूरा कर दिखाया है। मौसम खराब होने के बावजूद ये उपलब्धि अर्जित की गई है। बारिश के दौरान रेनकोट पहन कर लेबर कार्य में जुटी रही।

सोमवार शाम करीब 6 बजे मंत्री का सरकारी वाहन पुल से गुजरा। बाकायदा रिबन काटने की रस्म भी निभाई गई। हालांकि, पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन हो सकता है कि इतनी कम अवधि में पहाड़ी प्रदेश में पहली बार वैली ब्रिज का निर्माण किया गया हो।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सिरमौर में ददाहू के समीप दनोई खड्ड पर भी वैली ब्रिज का निर्माण किया गया था। यहां भी पुराना पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। शिमला-ठियोग हाईवे के खास मायने भी हैं। ये हाईवे न केवल राजधानी को किन्नौर (Kinnaur) से जोड़ता है, बल्कि तिब्बत सीमा से भी जोड़ता है। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड की सीमा भी जुड़ी है।
उधर, ठियोग के एसडीएम सुरेंद्र मोहन ने हाईवे पर ट्रैफिक बहाल होने को लेकर आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक पुल वन वे होगा। 25 एमटी से अधिक वजन वाले वाहन प्रतिबंधित होंगे। साथ ही अति आयामी (Over Dimensional) वाहनों को गुजरने की भी अनुमति नहीं होगी।

नेशनल हाईवे 05 (NH-05) के ठियोग मंडल के अधिशाषी अभियंता को पुल के दोनों तरफ चेतावनी बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ठियोग के डीएसपी को पुल पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करनी होगी।
बता दें कि शिमला से ठियोग के राही घाट तक ही ट्रांसपोर्ट वाहन संचालित हो रहे थे। इसके बाद यात्रियों को ठियोग बस अड्डे तक पैदल ही पहुंचना पड़ रहा था। रामपुर-किन्नौर की तरफ जाने वाली बसों का रूट डायवर्ट किया गया था। सबसे अधिक प्रभावित ठियोग-मतियाना-छैला-गुम्मा-कोटखाई-जुब्बल-रोहडू की तरफ जाने वाले यात्रियों को अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

उधर, लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हाईवे के धंस रहे हिस्से की तरफ डंगे के निर्माण का कार्य भी उच्च स्तर पर शुरू किया जा रहा है। खास बात ये है कि मंत्री ने 7 दिन के भीतर 110 फ़ीट लंबे पुल के निर्माण की बात कही थी, लेकिन अंतिम समय पर पुल की लंबाई 150 फ़ीट करनी पड़ी। लिहाजा, ये निर्माण कार्य निश्चित तौर पर एक रिकॉर्ड होगा।