शिमला, 30 जनवरी : 15 साल की उम्र में जब हरियाणा के रोहतक की एक बेटी भारत की सीनियर महिला टीम का प्रतिनिधित्व करने क्रिकेट के पिच पर उतरी तो हर कोई हैरान था। हर किसी के जहन में एक ही सवाल था कि छोटी सी बच्ची भला कैसे विश्व स्तर के गेंदबाजों का सामना कर पाएगी।
लेकिन, कहते हैं न कि कुछ करने की ठान लो तो लाख मुश्किलें भी आपके आगे घुटने टेक देती है। शेफाली वर्मा ने 15 साल की उम्र में डेब्यू कर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ कर भारत की सबसे युवा क्रिकेटर बन गई। यह तो सिर्फ शुरुआत थी। शेफाली वर्मा जब ओपनिंग करने क्रीज पर उतरी तो उनके बल्लेबाजी के बेबाक अंदाज को देखकर हर कोई उन्हें महिला क्रिकेट का वीरेंद्र सहवाग कहकर बुलाने लगा। आते ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने का रवैया हर किसी को भा गया। देखते ही देखते शेफाली वर्मा टेस्ट मैच, ओडीआई सहित टी-20 क्रिकेट खेलने वाली खिलाड़ी बन गई। अहम बात यह है कि महज 19 साल की उम्र में शेफाली वर्मा ने51 t20 मैच जबकि 21 एक दिवसीय मैचों सहित दो टेस्ट मैच भी खेले हैं।

साल 2021 में शेफाली वर्मा ने भारत की सीनियर टीम के लिए पहला टी-20 वर्ल्ड कप खेला। यहां भी प्रदर्शन खास रहा। लेकिन अपनी टीम को वर्ल्ड कप नहीं जीता पाई। साल 2023 में अंडर-19 T-20 वर्ल्ड कप के लिए शेफाली वर्मा को भारतीय टीम की कमान सौंपी गई। बस यही मौका था जब शेफाली वर्मा ने यह साबित कर दिखाया था कि केवल उम्र छोटी है, कारनामे विश्व स्तर के करने का दम रखती है। ऐसा ही कुछ शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी कप्तानी में शेफाली वर्मा ने भारतीय अंडर-19 टीम को विश्व विजेता बना दिया।
भारत की अंडर-19 महिला टीम ने इतिहास रच दिया। आईसीसी द्वारा पहली बार आयोजित किए गए अंडर-19 महिला टी20 वर्ल्ड कप को भारत ने अपने नाम किया। टीम इंडिया ने फाइनल में इंग्लैंड को मात दी।
19 साल की शेफाली वर्मा ने खुद को इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए तैयार करने के लिए काफी तैयारी की है और संघर्ष भी किया है। शेफाली ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि किस तरह वह तेज गेंदबाजी को खेलने की प्रैक्टिस करती थी, उनके सामने लड़कों को बॉलिंग करवाई जाती थी, ताकि वह बॉल की स्पीड का सामना कर पाए।
विश्व चैंपियन बनने के बाद छलक उठे ख़ुशी के आंसू
विश्व चैंपियन बनने का रुतबा हासिल करने के बाद इस ऐतिहासिक जीत के बाद शेफाली भावुक हो गई। उनकी आखों से खुशी के आंसू छलक उठे। ‘जिस तरह से सभी लड़कियां प्रदर्शन कर रही है और एक-दूसरे का समर्थन कर रही है, उससे मैं बहुत खुश हूं स्पोर्ट स्टाफ को धन्यवाद, जिस तरह से वे हर रोज हमें समर्थन दे रहे है। हमें बता रहे थे कि हम यहां कप जीतने के लिए आए है सभी का धन्यवाद। खिलाड़ी मुझे काफी सपोर्ट कर रहे है।
लड़कों के साथ प्रैक्टिस…
शेफाली ने अपनी तैयारियों को लेकर बात की थी। शेफाली का कहना था कि टी-20 वर्ल्ड कप के बाद जब वह वापस आई तो काफी चीजों पर काम करना चाहती थी। ऐसे में उन्होंने अपने कोच के साथ काम शुरू किया था, क्योंकि उन्हें वनडे टीम में जगह नहीं मिल रही थी। शेफाली ने तेज गेंदबाजी खेलना शुरू किया। इसके लिए लड़के 135-140 KMPH की रफ्तार से बॉलिंग करते थे। शेफाली इसका बखूबी सामना करती थी। शेफाली के मुताबिक, उन्होंने क्रिकेट के साथ-साथ अपनी फिटनेस, डाइटिंग पर जोर दिया। मैच फिट रहने के लिए शेफाली को अपना फेवरेट खाना छोड़ना पड़ा था।
15 साल की उम्र में डेब्यू…
हरियाणा के रोहतक से आने वाली शेफाली वर्मा ने 15 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था। 019 में टीम इंडिया जब टी-20 वर्ल्ड कप के लिए खुद को तैयार कर रही थी, तब शेफाली की टीम में एंट्री हुई थी। साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने डेब्यू किया था। हर कोई हैरान था कि सिर्फ 15 साल की उम्र में कैसे इस लड़की को टीम इंडिया में जगह मिल गई।

टेस्ट डेब्यू में मैन ऑफ़ द मैच
वर्मा ने 16 जून 2021 को शेफाली ने टेस्ट क्रिकेट में अपना पदार्पण किया। इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करते हुए अपनी पहली टेस्ट पारी में 96 रन बनाए। टेस्ट मैच ड्रा रहा और वर्मा को दो पारियों में 159 रन बनाने के बाद प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
ऐसा है शेफाली का रिकॉर्ड
शेफाली वर्मा का रिकॉर्ड देखें तो सिर्फ 19 साल की उम्र में उनके नाम 51 टी-20 मैच में 1231 रन है। शेफाली का स्ट्राइक रेट 134.53 का है, उनके नाम टी-20 में 149 चौके और 48 छक्के है। वह अब सिर्फ टी-20 ही नहीं बल्कि भारत के लिए वनडे और टेस्ट भी खेल चुकी है। अभी तक उन्होंने 2 टेस्ट मैच, 21 वनडे मैच खेले है। क्योंकि उनकी उम्र कम थी, ऐसे में बीसीसीआई ने उन्हें अंडर-19 टी-20 वर्ल्ड कप में टीम की कमान सौंपी और अब उन्होंने इतिहास रच दिया है।