नाहन, 26 अगस्त: तकरीबन 14 साल पहले सिरमौर की पांचों विधानसभा क्षेत्रों पर कांग्रेस का कब्जा था। भाजपा का स्कोर सिफर था। इसके बाद भाजपा ने कांग्रेस के किले को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। 2017 के विधानसभा चुनाव में स्कोर भाजपा के पक्ष में 3-2 का हो गया। कांग्रेस की झोली में केवल शिलाई व श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र ही बचे।
शुक्रवार को हिमाचल की स्थापना के 75 साल पूरा होने के बहाने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिलाई व रेणुका विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के किले में सेंधमारी करने की कोशिश की। सिरमौर में कांग्रेस गुटबाजी में उलझी हुई है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस के किले में पैनी नजरें गड़ा दी हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व उप नेता प्रतिपक्ष हर्षवर्धन चौहान के शिलाई निर्वाचन क्षेत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहले भी घोषणाओं का अंबार लगा दिया था। हर कोई सीएम की घोषणाओं से अचंभित भी हुआ था।
शुक्रवार को भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिलाई में केवल हाटी को जनजातीय का दर्जा देने पर ही खुद को केंद्रित किया। सीएम जयराम ठाकुर जैसे ही इस मुद्दे पर बोल रहे थे, वैसे ही पंडाल में तालियां व सीटियां बज रही थी। मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने के बाद ट्रांसगिरि में प्रधानमंत्री की धन्यवाद रैली रखी जाएगी।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विनय कुमार के गृह क्षेत्र रेणुका जी में भी गिरिपार को अनुसूचित जनजाति दर्जा जल्द मिलने की बात कही। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सिरमौर में कांग्रेस के दो ही विधायक हैं, जिन्हें पार्टी ने संगठन में अहम ओहदे भी दे रखे हैं।
पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष दलीप सिंह चौहान के शिलाई निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद कांग्रेस के खेमे में खलबली हो सकती है, वहीं रेणुका जी में कांग्रेस के विधायक विनय कुमार ये सोच कर बैठे हैं कि भाजपा की अंतर्कलह उन्हें विधानसभा की दहलीज इस बार भी पार करवा देगी।
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विकास कार्यों का हवाला देकर शिलाई व रेणुका विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं को रिझाने का पूरा प्रयास किया है।