शिमला, 11 जनवरी : वैब पोर्टल के लिए कार्य कर रहे पत्रकार कई सालों से लगातार “वैब पॉलिसी” बनाने की मांग कर रहे है। मगर अब तक कोई सकारात्मक नतीजा न आने डिजिटल मीडिया में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे पत्रकारों में रोष है। भेदभाव पूर्ण रवैये से नाराज़ पत्रकारों ने एक बार फिर “वैब मीडिया पॉलिसी” बनाने का मामला सरकार से उठाया है। ताकि पत्रकारिता के गिरते स्तर को बचाया जा सके। वैब पोर्टल जर्नलिस्ट्स का एक प्रतिनिधिमंडल आज शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस विषय पर सकारात्मक आश्वासन देते हुए कहा कि प्रदेश में जल्द ही ” वैब मीडिया पॉलिसी” लाई जाएगी। उन्होंने लोक संपर्क विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में जल्द उचित कार्रवाई की जाये। साथ ही निर्देश दिए कि अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भी पॉलिसी बनाने को लेकर ठोस कदम उठाए जाये। संवाद करते हुए वेब मीडिया के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री को इस मामले में अधिकारियों द्वारा अपनाई जा रही लचर कार्यप्रणाली से भी अवगत करवाया। जिसे मुख्यमंत्री ने बड़े सहज भाव से सुना और आगामी कार्रवाई के निर्देश दिए।
आखिर क्या है मामला और क्या है मांग….
ऐसा नहीं है कि हिमाचल प्रदेश में कार्यरत वैब मीडिया पत्रकार पहली मर्तबा मुख्यमंत्री से मिलने गए, सरकार बनने के ठीक 6 महीने बाद 5 जून, 2018 को भी मुख्यमंत्री को पॉलिसी बनाने के बाबत ज्ञापन सौंपा था। जिस पर निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क को तुरंत बैठक करने के आदेश दिए और आश्वासन दिया कि दिवाली तक पॉलिसी बना ली जाएगी। इसके दो सप्ताह बाद निदेशालय के अधिकारियों और वैब न्यूज़ पोर्टल के एडिटर्स के साथ बैठक कर पॉलिसी ड्राफ्ट तैयार किया, इसे आला अधिकारियों को भेजा गया, लेकिन उसके बाद उस ड्राफ्ट का क्या हुआ किसी को कोई जानकारी नहीं। इसके बाद दिवाली के समीप फिर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया फिर आश्वासन मिला। 2019 में तीसरी बार ज्ञापन सौंपा लेकिन कोरे आश्वासनों के सिवाय कुछ न मिला।
2020 में फिर पॉलिसी बनाने हेतु प्रक्रिया शुरू की गई। अधिकारियों ने सैद्धान्तिक मंजूरी दी गई और वित्त विभाग से भी ड्राफ्ट को अप्रूव कर दिया गया। बावजूद इसके सरकार फिर हाथ पीछे खींचे और पॉलिसी को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जयराम सरकार में ही विभाग की इस लचर व्यवस्था से प्रदेश में काम कर रहे वैब मीडिया पत्रकार ख़ासे निराश हैं। मंगलवार को चौथी बार फिर इस उम्मीद से की स्वच्छ छवि के मुख्यमंत्री मीडिया के बदलते स्वरूप में वेब मीडिया पॉलिसी को शीघ्र बनाकर “वोकल फ़ॉर लोकल थीम” के तहत कई वर्षों से काम कर रहे युवा और वरिष्ठ पत्रकारों को उनका हक दिलाएंगे और लोकतंत्र की इस नए स्तंभ को और मजबूत करेंगे।