नई दिल्ली, 1 जुलाई : देश में कोविड-19 के कारण कई लोगों ने अपनों को खोया है। कई जगह तो ऐसा भी हुआ जहां परिवार में केवल एक सदस्य ही रह गया है। कई बच्चे अनाथ हो गए तो कई माँ बाप ने अपने जवान बच्चों की अर्थी को कन्धा दिया। ऐसे में इस कोरोना के कारण अपनों को खो देने वालों के लिए सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया कि जिनकी मौत कोरोना से हुई सरकार उनके परिजनों को मुआवजा दे। हालांकि, ये मुआवजा कितना होना चाहिए, यह सरकार खुद तय करे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना है कि कोविड से हुई मौतों पर 4 लाख का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है।
. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता चाहते थे कि सरकार कोविड से हुई मौत पर हर परिवार को मुआवजा दे। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने अपने फैसले में यह साफ कर दिया कि सरकार का मुआवजा देने का पूरा हक बनता है, क्योंकि कोविड एक महामारी है। डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के सेक्शन 12 में सरकार के पास इसको लेकर अधिकार है, जिसका सरकार इस्तेमाल कर सकती है।
इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सीधा आदेश दिया है। साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी को 6 हफ्ते का समय दिया है, जिसमें मुआवजे की कैलकुलेशन और एक आंकड़ा निकालकर कोर्ट को देना है। कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि वो मुआवजे की रकम तय नहीं कर सकती है।