शिमला (एमबीएम न्यूज): एक अरसे से यह अटकलें चलती रही हैं कि राज्य के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व केंंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के बीच 2017 के विधानसभा चुनाव को लेकर फिक्सिंग चल रही है। इसके तहत अगला मुख्यमंत्री जेपी नड्डा को बनाने में वीरभद्र सिंह मददगार साबित होंगे। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को हाशिए पर लगाने में वीरभद्र द्वारा नड्डा की मदद की जाएगी। सोमवार शाम इन अटकलों पर उस वक्त विराम लग गया, जब केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से इस्तीफा मांग लिया।
दरअसल केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद ऐसे बेहद कम मौके आए हैं, जब नड्डा ने वीरभद्र सिंह की मुखालफत की हो। साथ ही वीरभद्र ने भी कभी नड्डा के खिलाफ कोई बड़ा बयान नहीं दिया। प्रेस विज्ञप्ति में नड्डा ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने तीन राज्यों में छापेमारी की है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वीरभद्र सिंह के भ्रष्टाचार के राज खुलते जा रहे हैं। हैरानी जताते हुए नड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मामले पर खामोश है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अब तक वीरभद्र सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
जनता जानना चाहती है कि सोनिया जी व राहुल जी की कौन सी मजबूरी है, जिस कारण वह भ्रष्टाचार के आरोपी मुख्यमंत्री को पद से हटाने व पार्टी से बाहर निकालने का साहस नहीं जुटा पा रही है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह की सरकार कौमा में चली गई है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति को बीजेपी की वैबसाइट से फेसबुक पेज पर साझा किया है। करीब डेढ़ घंटे में केंद्रीय मंत्री को इस विज्ञप्ति पर 17 शेयर मिले हैं, जबकि चार कमेंट आए हैं। एक कमेंट में डॉ. बलबीर नेगी ने केंद्रीय मंत्री को इस तरह की बयानबाजी पर खरी-खोटी भी सुनाई है।