शिमला: चंद रोज पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष (BJP State President) के पद पर इंदू गोस्वामी (Indu Goswami) की ताजपोशी (Coronation) की खबर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो गई। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (National General secretary ) कैलाश विजयवर्गीय ने टवीट कर इंदू को बधाई संदेश दे दिया। आधिकारिक घोषणा न होने पर खेद जता दिया। अब ताजा घटनाक्रम में खुद इंदू गोस्वामी विवाद में फंस गई हैं। एक प्रतिष्ठित समाचारपत्र ने इंदू गोस्वामी के हवाले से खबर प्रकाशित की कि उनके पार्टी अध्यक्ष बनने की खबर सोशल मीडिया में कैसे पहुंची, यह भाजपा संगठन बताए। इस बारे पवन राणा से पूछें।
रविवार को राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) इंदू गोस्वामी इस बात से मुकर गई कि उन्होंने किसी पत्रकार से बात की है। इसी बीच समाचार पत्र ने भी सबूतों का हवाला देकर अपनी खबर पर स्टैंड रखा है। पहले तो जयराम सरकार फैेसलों को पलटने को लेकर कई बार चर्चा में आ चुकी है। वहीं अब पार्टी के नेता भी बखूबी मीडिया को जिम्मेदार ठहराकर अपने बयानों से मुकरने का ट्रेंड शुरू कर रहे हैं।
ये है आशंका….
दरअसल, करीब-करीब यह तय मान लिया गया था कि राज्यसभा(Rajya Sabha) सांसद इंदू गोस्वामी ही पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष होंगी, लेकिन अटकलें ही अटकलें रह गई। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अब तक भी कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की। अटकलें इस बात की भी हैं कि इंदू व संगठन के बीच गतिरोध पुराना है। बता दें कि संगठन पहले से ही सरकार के साथ खड़ा है। जुलाई 2019 में इंदू गोस्वामी(Indu Goswami) ने भाजपा महिला मोर्चा(BJP Mahila Morcha) के प्रदेश अध्यक्ष पद से अचानक ही इस्तीफा दे दिया था।
संगठन ने इसे चंद मिनटों में ही मंजूर करने के बाद ट्रांसपोर्ट मंत्री (Transport Minister) की बहन धनेश्वरी ठाकुर को कार्यकारी अध्यक्ष(Executive President) बनाने में देरी नहीं की। अब भी यही महसूस कर रही होंगी कि संगठन की वजह से अधिकारिक घोषणा रूकी हो। लिहाजा आनन फानन में बयान तो दे दिया मगर प्रकाशित होने के बाद ये भी समझी होंगी कि राजनीति में आगे बढ़ने के लिए संगठन भी जरुरी है, इसी कारण अब ठीकरा मीडिया पर फोड़ रही है। चूंकि केंद्रीय नेतृत्व में इंदू गोस्वामी की अच्छी-खासी पैठ है, इसी कारण सर्वसम्मति से राज्य सभा के लिए भी मुहर लग गई थी।
ये है ताजा घटनाक्रम…
सोशल मीडिया में इंदू गोस्वामी के बीजेपी अध्यक्ष बनने की खबर अफवाह निकली। इस पर बोली कि संगठन मंत्री पवन राणा(Pawan Rana) बताएं, किसने उनका नाम उछाला। खबर प्रकाशित होने के बाद अब कह रही हैं कि हैरान हूं कि मैंने ऐसी कोई बात पत्रकार से नहीं की है। इतने सम्माननीय समाचारपत्र में पत्रकारिता करने वाले पत्रकार अगर इस तरह की पत्रकारिता करेंगे तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं। मुकरने की वजह ये भी हो सकती है कि पहले से ही संगठन के साथ 36 का आंकड़ा झेल रही इंदू गोस्वामी का बयान गतिरोध को बढ़ाएगा। कुल मिलाकर अब ये तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही बता सकता है कि वास्तव में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष कौन बन रहा है।
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