हमीरपुर : गरीबी रेखा (BPL) को लांघ लिया गया। बावजूद इसके 74 लोग सरकारी राशन (Food & Civil Supply) पर डाका डाल रहे हैं। दरअसल, नादौन की ग्राम पंचायत धनेटा में करीब एक साल के भीतर 74 लोगों के नाम बीपीएल सूची(BPL List) से कट चुके हैं। इसकी जानकारी सहकारी सभा धनेटा को भी भेज दी गई। हैरान करने वाली बात यह है कि कृषि सहकारी सभा (Agricultural co-operative assembly) के डिपो एवं खाद्य आपूर्ति विभाग (Food supply department) के रिकाॅर्ड से ये नाम नहीं काटे गए। लिहाजा, सरकार के सस्ते राशन पर डाका बदस्तूर जारी है। इस बाबत जब धनेटा के समाजसेवी रामकुमार विज ने एसडीएम को शिकायत सौंपी तो आनन-फानन में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
सवाल इस बात पर उठता है कि एक साल से 74 लोगों को बिना पात्रता के कैसे राशन उपलब्ध करवाया जा रहा था। कोविड-19(C0vid-19) का राशन भी इन लोगों ने मजे से लिया। सवाल इस बात पर उठता है कि इस प्रकरण में दोषी कौन है। बीपीएल से नाम कटने के बाद चुपचाप ही ये लोग राशन क्यों लेते रहे। एक भी व्यक्ति ने सामने आकर इंकार नहीं किया। अब इस मामले के सामने आने से इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या ऐसा अन्य पंचायतों में भी हो रहा है। सरकार के नुक्सान की भरपाई उपभोक्ताओं(consumer) से की जाएगी या फिर सरकारी महकमे के कर्मचारी भी इस भरपाई के साझेदार होंगे।
सहकारी सभा के सचिव संतोष कुमार का कहना है कि 17 मार्च 2020 को सूची आई है। उनका तर्क था कि पंचायत ने सूची वापस मंगवा ली थी। उन्होंने बताया कि 74 में से 62 लोगों का जुलाई माह का राशन नहीं आया है। इससे पहले राशन दिया जाता रहा। वहीं पंचायत प्रधान पवना देवी का कहना है कि जून 2019 में 74 परिवारों को बीपीएल सूची से हटा दिया गया था। इसकी सूचना सहकारी सभा को दे दी गई थी। बावजूद इसके राशन क्यों दिया जा रहा था, इसका जवाब तो सभा ही दे सकती है।
इसी बीच एसडीएम विजय कुमार(SDM Vijay Kumar) ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है। उनका कहना था कि फूड व सिविल सप्लाई इंस्पेक्टर(Civil supply inspector) से जांच करने को कहा गया है। यदि इसमें कोई दोषी पाया गया तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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