शिमला : समूचा संसार इस समय कोरोना संकट का सामना कर रहा है। बेशक ही देवभूमि में इस समय प्लाज्मा थैरेपी को लेकर किसी भी संस्थान में तैयारी नहीं है। हालांकि पीजीआई चंडीगढ़ ने इस थैरेपी का ट्रायल शुरू करने के लिए केंद्र से इजाजत मांगी है। इसी बीच सुखद खबर यह है कि कोरोना को हराने वाले पहले हिमाचली 32 वर्षीय युवक दिनेश ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में प्लाज्मा डोनेट करने की हामी भरी है, ताकि उनके इस फैसले से अनमोल जीवन बचाएं जा सकें। देश भर में प्लाज्मा थैरेपी खासी चर्चा में है। दिल्ली सरकार तो संक्रमणमुक्त हुए लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील भी कर रही है।
दरअसल, चिकित्सा विज्ञान का कहना है कि रिकवर होने वाले शख्स में रोग प्रतिरोधी क्षमता सृजित हो जाती है। इसका इस्तेमाल उन संक्रमित लोगों में किया जा सकता है, जिनकी हालत नाजुक होती है। विशेष बातचीत के दौरान दिनेश का कहना था कि रिकवरी के बाद उन्हें 18 अप्रैल तक होम क्वारंटाइन किया गया। इसकी मियाद अब 27 अप्रैल की गई है। उनका कहना था कि फ्लाइट बैंगलोर पहुंची थी। इसके बाद दिल्ली से वाया बस कांगड़ा के शाहपुर उपमंडल स्थित अपने घर पहुंचे थे। पत्नी गर्भवती है, लिहाजा उसके चैकअप के लिए उसी दिन अस्पताल जाना था। इस दौरान उन्होंने अपनी विदेश से आने की हिस्ट्री भी सांझा की थी।
ये है दिनेश की टीस…
इस समय समाज को भी बेहद ही संवेदनशील होना चाहिए। सोचिए, एक युवक को अचानक ही बता दिया जाता है कि वो कोरोना पॉजिटिव है, जबकि कोई भी लक्षण नहीं थे। घर पर पत्नी गर्भवती है। मगर समाज परिवार से दूरी बनाने लगता है। जबकि आधुनिक चिकित्सा के दौर में यह समझना भी बहुत लाजमी था कि रिकवर होने के बाद दिनेश का प्लाज्मा कम से कम तीन जिंदगियों को कोरोना से बचा सकता है। अब तक भी सामाजिक तिरस्कार का सामना कर रहे दिनेश का जज्बा इसलिए भी गजब है, क्योंकि वो इन सब के बावजूद भी अपना प्लाज्मा डोनेट करने को तैयार है।
घर पर बुजुर्ग मां तृप्ता भी अचानक इस तरह के बदले माहौल से परेशानी का सामना करती रही। अब जाकर कहीं परिवार सामान्य जीवन में पहुंचा है। विशेष बातचीत के दौरान दिनेश का कहना था कि घर पर राशन की समस्या भी हुई तो पत्नी की देखभाल की चिंता भी उन्हें अस्पताल व क्वारंटाइन केंद्र में हर वक्त सताती रहती थी। हालांकि वो अब मानते हैं कि प्रशासन सुविधा मुहैया करवा रहा है। मगर समाज अब भी दूरी बना रहा है। उनका कहना था कि आज भी स्थानीय एसडीएम ने उनके सहित परिवार का कुशलक्षेम पूछा।
ये भी कहा…
कोरोना को हराने वाले दिनेश का यह भी कहना है कि प्लाज्मा डोनेशन को लेकर अभी तक किसी ने अप्रोच नहीं किया है। अलबत्ता वो यह कहना चाहते हैं कि अगर आग्रह मिला तो वो तैयार हैं। उनका यह भी कहना है कि आज भी यह रहस्य ही लगता है कि वो संक्रमित कैसे हुए। जबकि जिस जगह से आए थे, वहां आज तक भी कोई स्टाफ सदस्य संक्रमित नहीं हुआ है, क्योंकि जॉब प्रोफाइल की वजह से रोजाना चैकअप होता रहा। उन्होंने अपनी फोटो की शेयरिंग से इंकार करते हुए कहा कि नेक कार्य के लिए पब्लिसिटी नहीं चाहते। देश इस संकट से निकले,यही कामना करते है।
उधर कांगड़ा के डीसी राकेश प्रजापति ने दिनेश के इस कदम की सरहाना की है।