शिमला : हिमाचल सरकार द्वारा निजामुद्दीन से लौटने वाले तबलीग़ी जमातियों को सख्त चेतावनी देने के बाद 62 तबलीग़ी जमाती सामने आए हैं। जिन्होंने प्रशासन को हिमाचल लौटने की जानकारी दी। इसके बाद इन्हें क्वारन्टाइन कर लिया गया है। इनमें 12 तबलीग़ी जमाती निजामुद्दीन स्थित मरकज़ में हिस्सा लेकर वापिस आये थे। वहीं 40 जमाती वो हैं, जो लौटने पर इन 12 तब्लीगी जमातियों के संपर्क में थे।
इनमें 8 चंबा और 4 शिमला के नेरवा के रहने वाले हैं। ये सभी दिल्ली में मरकज में शामिल हुए थे और उसके बाद प्रदेश में वापिस आ गए थे। अब तक कुल 329 तबलीग़ी जमातियों की पहचान की जा चुकी है। इनमें 93 जमातियों के विरुद्ध ट्रेवल हिस्ट्री छिपाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
डीजीपी एसआर मरढ़ी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीज द्वारा दूसरों के मुंह पर थूकने एक वारदात सामने आई है। उन्होंने ऐसा करने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस हत्या (302) व हत्या का प्रयास (307) का केस दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आइजीएमसी में दाखिल तीन पॉजिटिव तबलीग़ी जमाती गत 18 मार्च को दिल्ली से 4 व साढ़े 9 बजे चलने वाली एचआरटीसी बस से नालागढ़ पहुंचे थे। उन्होंने इस बस में सफर करने वाले यात्रियों को होम क्वारन्टाइन पर रहने तथा कोरोना के लक्षण लगने पर अपनी जांच करवाने की अपील की है।
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के खतरे के बीच ड्यूटी दे रहे पुलिस जवानों को पीपी किट व मास्क उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके साथ ही पुलिस जवान भी पूरी एहतियात व सतर्कता के साथ ड्यूटी दें। कहा कि कर्फ्यू के दौरान जब गाड़ियों को रोका जा रहा है तो कई गाड़ियों के चालक खुद के मोबाइल फोन को जवानों को थमाकर अफसरों से बात करवा रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में ड्यूटी दे रहे जवान गाड़ी चालक व गाड़ी में बैठे व्यक्ति के मोबाइल से बात न करे और न ही गाड़ी को छुए। क्योंकि इससे भी कोरोना के संक्रमण का खतरा है।