बिलासपुर/कुल्लू: अगर देश के कोने-कोने में पैरा मेडिकल स्टाफ, पुलिस व सफाई कर्मी अपने प्राणों को संकट में डालकर जंग लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ सरहद पर हिमाचली बेटों ने मां भारती की रक्षा में अपने प्राणों की आहूति देकर अपना कर्त्तव्य निभाया है। कुल्लू में पूईद के रहने वाले हरदिल अजीज 24 साल के बालकृष्ण उर्फ बॉबी ने शहादत पाकर समूची घाटी को गौरवान्वित कर दिया है। मां इन्दिरा देवी तो अपने बेटे की शादी के सपने देख रही थी, वहीं दादा अनूप राम के अलावा दादी व बहन-भाई भी शहीद बालकृष्ण की शादी को लेकर उतावले थे। परिवार के सपनों के सामने बॉबी को मां भारती की रक्षा ही सर्वोपरि लगी। पैतृक गांव पूईंद में मातम पसरा हुआ है।
एसपी गौरव सिंह का कहना है कि पार्थिव शरीर को हैलीकॉप्टर से लाने की कोशिश शुरू कर दी गई है। उधर घुमारवीं उपमंडल कीक हटवाड़ पंचायत के देहरा गांव में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। पैरा फोर्स कमांडो 42 वर्षीय संजीव कुमार की शहादत पर परिवार का नम आंखों के बीच सीना फक्र से चौड़ा हो गया है। 13 साल का बेटा हमीरपुर में अपनी मां के साथ पढ़ाई कर रहा है। घर पर मां व बहन हैं। माता-पिता का इकलौता बेटा अचानक ही इस तरह से दुनिया छोड़ देगा, इसका अंदाजा कोई भी नहीं लगा सकता था।
उम्मीद की जा रही है कि शहीद की पार्थिव देह को ज्वालामुखी के सपड़ी तक हैलीकॉप्टर से लाया जाएगा। बिलासपुर के उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने कहा कि दुखद घटना की जानकारी मिलते ही घुमारवीं के एसडीएम को सेना से समन्वय स्थापित करने को कहा गया है।
3-4 अप्रैल की रात उत्तरी कश्मीर के केरन सेक्टर में 5 आतंकी भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच भीषण मुठभेड़ हुई। शहादत का चोला पहनने से चंद मिनटों पहले भी हिमाचली बेटों ने अपने फर्ज को बखूबी निभाया। मुठभेड़ में पांचों आतंकी मारे गए। कुपवाड़ा क्षेत्र में हुई मुठभेड़ पर सेना ने कहा है कि आतंकियों ने शमसबरी रेंज से घुसने का प्रयास किया था। अगर मिल रही जानकारी की मानें तो भारतीय जवानों ने बुरी तरह से चोटिल होने के बावजूद आतंकियों का डटकर सामना किया।
यूएवी के हवाले से कहा जा रहा है कि जवान अचानक ही नाले की तरफ गिरे। इसके दाईं तरफ ही आतंकी छिपे बैठे थे। ऐसी भी संभावना जताई जा रही है कि जवानों की पार्थिव देह दो से तीन मीटर उस दूरी पर मिली, जहां आतंकियों की लाशों का ढेर था। मिल रही जानकारी के मुताबिक दुश्मन को अंधेरे में अपने सामने देखकर भी जवानों ने हौंसला नहीं छोड़ा।