नाहन: शहर के सैन्य क्षेत्र में कोरोना वायरस का बड़ा खतरा टल गया है। इस खतरे की आशंका को लेकर प्रशासन सहित विभाग के होश उड़े हुए थे। सेना के जवान की रिपोर्ट नैगेटिव मिलने के बाद आज प्रशासन ने राहत की सांस ली है। पुख्ता जानकारी के मुताबिक सेना के जवान को 22 मार्च की रात करीब 8 बजे मेडिकल कॉलज में दाखिल करवाया गया था। उस वक्त जवान में कोरोना के लक्षण को लेकर तब तस्दीक हुई, जब फिजिशियन ने पड़ताल की। इससे पहले वो अस्पताल स्टाफ से जुड़े 45 लोगों के संपर्क में आ चुका था। लिहाजा, संपर्क में रहने वाले स्टाफ की भी सूची तैयार कर ली गई थी। यह भी बड़ी वजह थी कि समूचे प्रशासन व विभाग की नींद उड़ी हुई थी।
23 मार्च की सुबह जवान को वैस्टर्न कमांड चंडी मंदिर रैफर कर दिया गया। वहीं से जवान के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। सिरमौर प्रशासन ने ही हरियाणा के पंचकूला के ज़िलाधीश को इस मामले की जानकारी प्रदान की थी। प्रशासन को दोपहर के वक्त ही पंचकूला व सैन्य प्रशासन के माध्यम से रिपोर्ट के नैगेटिव आने की जानकारी मिल गई थी। उधर प्रशासन ने वायरस को लेकर कई एहतियाती कदम भी उठाए हैं। खांसी-जुकाम वाले रोगियों के लिए आयुर्वैदिक चिकित्सालय में ही अलग जांच की व्यवस्था कर दी गई है। कॉलेज की ओपीडी को पृथक कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि प्रशासन ने यह पाया कि इटली में भी ओपीडी में हर तरह के मरीज को आने की इजाजत दी थी। यह भी संक्रमण फैलने की वजह बनी थी। सूत्रों का यह भी कहना है कि सेना के जवान के कमांड अस्पताल में कोरोना व स्वाइन फ्लू को लेकर सैंपल लिए गए थे। इसमें स्वाइन फ्लू की रिपोर्ट का इंतजार है। यह भी पता चला है कि सेना के जवान की फैक्चर की वजह से सर्जरी हुई थी, जिसे ख़ासी व सांस लेने की तकलीफ के चलते मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था।
उधर उपायुक्त डॉ. आरके परुथी ने सेना के जवान की रिपोर्ट नैगेटिव आने की पुष्टि की है। उन्होंने माना कि रिपोर्ट को लेकर काफी चिंता थी। उपायुक्त ने बताया कि खांसी-जुकाम के रोगियों की जांच के लिए अलग व्यवस्था कर दी गई है।