नाहन : क्या आम व देवदार के पेड़ पर एक साथ बर्फ पड़ सकती है। इस सवाल का जबाब हर वो शख्स जानना चाहता है, जो इस बात से वाकिफ है कि राजगढ़ उपमंडल के फागू गांव में इस साल आम के पेड़ पर भी बर्फ गिरी है। दरअसल, एक भरे-पूरे आम के पेड़ को नामी समाजसेवी व लेखक के साथ-साथ बुद्धिजीवी शेरजंग चौहान ने इस ऊंचाई पर आम के पेड़ को बड़ी युक्ति से पाल कर रखा हुआ है। सेब, आडू, खुमानी, नाशपति के पेड़ों के बीच आम के वृक्ष को देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है।
रोचक बात यह है कि अक्तूबर से नवंबर तक इस पेड़ पर रसीले आम पकते रहते हैं। अमूमन आम का पेड़ तीन हजार फीट की ऊंचाई तक पनपता है, लेकिन शरेजंग चौहान ने यह कारनामा 4700 फुट की ऊंचाई पर कर दिखाया है। दरअसल, गुरुजी के नाम से समूचे प्रदेश में अपनी पहचान रखने वाले शेरजंग चौहान ने फेसबुक पेज पर एक तस्वीर शेयर की है। इसमें साफ तौर पर देवदार व आम के पेड़ पर बर्फ की चादर नजर आ रही है। इतना तो तय है कि देश में इस तरह की तस्वीर कहीं ओर से सामने नहीं आ सकती।
गुरुजी का तो तर्क है कि विश्व भर में ही यह अपनी ही तरह का अलग अजूबा हो सकता है। उनका यह भी कहना है कि तकरीबन 18 साल पहले वो इस पौधे को धौलाकुआं से लेकर आया था, जिसे ताया रामदयाल की याद में रोंपा गया था। 7 साल बाद आम लगने शुरू हो गए। हर साल 250 से 300 के बीच आम इस पौधे से मिलते हैं। ऑफ सीजन में एक आम की कीमत 100 से 150 रुपए भी लोग देने को तैयार हो जाते हैं। बहरहाल, रोचकता इस बात की है कि आम के पेड़ पर बर्फ की चादर लिपटी हुई है।
उन्होंने बताया कि 18 साल में पहली बार ऐसा मौका हाल ही की बर्फबारी में आया, जब आम के पेड़ पर भी बर्फ की चादर लिपट गई।
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