सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश में 600 करोड़ के निर्माण कार्यों पर खतरा मंडरा गया है। इसका कारण प्रदेश में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के तहत काम काम कर रहे ठेकेदारों का पिछले करीब 10 माह से 60 करोड़ रूपए का भुगतान न होना बताया जा रहा है। उधर, बीएसएनएल के अधिकारियों के रवैये से ठेकेदार परेशान हैं, जिसको लेकर ठेकेदारों में कड़ा रोष व्याप्त है।
बीएसएनएल भवन ठेकेदार एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष केशव नायक ने कहा कि हिमाचल के ठेकेदारों के 60 करोड़ की रकम डूबने की कगार पहुंच गई। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल के भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से न केवल ठेकेदार बल्कि प्रदेश सरकार के कई निर्माण कार्य रूक गए हैं। उन्होंने कहा कि भुगतान न होने पर अब ठेकेदारों ने भी काम रोक दिए हैं। उन्होंने कहा कि इतना सब होने के बाबजूद प्रदेश की अफसरशाही सरकार को समस्या के प्रति अवगत नहीं करवा पाई जबकि मुख्यमंत्री की व्यस्तता की वजह से बीएसएनएल बिल्डिंग कांट्रैक्टर्स एसोसिएशन को मिलने का समय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने का कि भुगतान की मांग को लेकर जल्द ही एक प्रनिधिमंडल मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मिलेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार का 150 करोड़ भी खतरे में है। हिमाचल सरकार ने 600 करोड़ रुपए की राशि का बीएसएनएल निगम को काम दिया है। इस रकम का प्रदेश में एक पैसा अभी तक व्यय नहीं किया गया है। निगम ने हिमाचल सरकार से मिले 150 करोड़ का भी कोई हिसाब नहीं दिया है। भवन निर्माण के बावजूद भुगतान नहीं करने से प्रदेश के कांट्रैक्टर्स को एक पैसा नहीं दिया। बीएसएनएल के मुख्य अभियंता ने प्रदेश के कांट्रैक्टर्स को भी जल्द पेमेंट का भरोसा दिया। लेकिन निगम के हिमाचल के अधिकारियों ने इस दिशा में दस माह में कोई कार्रवाई नहीं की है।