अमरप्रीत सिंह/सोलन
कुमारहट्टी हादसे में एक दर्दनाक पहलू सामने आया है। घटना में 13 सैन्य अधिकारियों की मौत हुई है। सोमवार शाम प्रशासन ने अंतिम आंकड़ों की स्थिति स्पष्ट की है। इसमें बताया गया है कि 4-असम राइफल्स के सूबेदार रैंक के 10, सूबेदार मेजर रैंक के एक अधिकारी की मौत हुई है। इसके अलावा नायब सूबेदार रैंक के दो अधिकारियों का निधन हुआ है। ऐसा भी माना जा रहा है कि जूनियर कमीशंड ऑफिसर एक ही जगह पर बैठे हुए थे, जबकि जवान रैंक के सैनिक अलग बैठे हुए थे।
हादसे में 30 फौजियों में से सैन्य अधिकारियों की मौत हो गई है। इसमें से वहां मौजूद किसी भी अधिकारी को रेस्क्यू नहीं किया जा सका। संभवतः सेना के इतिहास में शायद ऐसा कम ही हुआ होगा, जब एक साथ 13 सैन्य अधिकारियों ने किसी हादसे में अपने प्राण त्यागे होंगे उल्लेखनीय है कि असम राइफल्स के 30 सैन्य अधिकारी व जवान हादसे के दौरान भीतर मौजूद थे। देर दोपहर रेस्क्यू का कार्य पूरा कर लिया गया था। उधर प्रशासन के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक हादसे के वक्त बिल्डिंग के भीतर 12 अन्य लोग भी मौजूद थे। इसमें से रेस्टोरेंट के मालिक साहिल की पत्नी अर्चना की मौत हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक हादसे के 14 घायलों का उपचार चल रहा है। इसमें 7 सेना के जवान भी हैं। दीगर है कि सेना में सूबेदार रैंक काफी प्रतिष्ठित माना जाता है। हालांकि स्पष्ट नहीं हो पा रहा, लेकिन बताया जा रहा है कि कुम्हारहट्टी के समीप ही कंटोनमेंट एरिया डगशई में असम राइफल्स के सैन्य अधिकारी व जवान संभवत ट्रेनिंग के लिए आए होंगे। इसी दौरान रविवार को रेस्टोरेंट में गेट टु गेदर के लिए पहुंचे थे। इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर प्रशासनिक अमले की आपदा के दौरान प्रबंधन की पोल खोलकर रख दी है।
11 जुलाई को ही समूचे प्रदेश में आपदा के प्रबंधन को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। इसके महज 48 घंटे के भीतर ही पोल खुलती नजर आई। प्रशासन को एनडीआरएफ पर ही निर्भर होना पड़ा। संयोग से फोरलेन के निर्माण में जुटी मशीनें आसपास ही मौजूद थी। यही कारण था कि रेस्क्यू ऑपरेशन को तुरंत शुरू कर लिया गया था। इतना भी स्पष्ट हो गया है कि मलबे की चपेट में आए किसी भी सैन्य अधिकारी को नहीं बचाया जा सका।
रविवार शाम 4:00 बजे के आसपास हुए इस हादसे के कुछ देर बाद ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था, लेकिन इसे खत्म करने के लिए 22 घंटे का वक्त लग गया। जानकारों का यह भी कहना है कि अगर पूरे इंतजाम होते तो रेस्क्यू ऑपरेशन को 5 घंटे के भीतर ही पूरा किया जा सकता था। उस सूरत में मलबे में दबे सैन्य अधिकारियों को बचाया जा सकता है। उधर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ शिव कुमार का कहना है कि बिल्डिंग के मालिक साहिल के खिलाफ आईपीसी की धारा 336 व 304 ए के तहत मामला दर्ज़ हो गया है।
मृतकों की पहचान
हादसे में मृतकों व घायलों की पहचान को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है। मृतकों में सूबेदार बिशर सिंह, सूबेदार हेम कुमांग, सूबेदार कुमार चोराई, सूबेदार सुरजीत शर्मा, सूबेदार राजन बहादुर, सूबेदार लालसन वाजफे, सूबेदार अजीत कुमार, सूबेदार मेजर प्रदीप चंद, सूबेदार योगेश कुमार, सूबेदार बलविंद्र सिंह, नायब सूबेदार नवीन चंद्रा, नायब सूबेदार विनोद कुमार, नायब सूबेदार राजकिशोर सिंह।
इनकी हालत नाजुक
जवान उत्तम रॉय को कमांड अस्पताल चंडीगढ़ भेजा गया है।
कुल आंकड़ा
कुमारहट्टी हादसे में सोमवार श्याम हादसे की स्थिति साफ हो गई है। हादसे में कुल 14 लोगों की मृत्यु हो गई है। जिसमे सेना के 13 जवान व अधिकारी तथा 1 नागरिक शामिल है। घायलों की संख्या भी 14 है। जिसमे सेना के 7 जवान व 7 नागरिक शामिल है। 9 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। जिनमे 7 सेना के जवान व 2 नागरिक सम्मिलित हैं।
कुल तीन मामले रैफर किए गए। ये तीनों सेना के जवान हैं। वहीं दो नागरिकों को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया। तरह इस हादसे में 42 लोगों की अभी तक पहचान हुई है। जिनमे सेना के 30 व 12 नागरिकों की सूची सोलन जिला प्रशासन ने जारी की है।