एमबीएम न्यूज/शिमला
राज्य में सीटों की क्षमता से 25 फीसदी ओवरलोडिंग की छूट दी जा रही है। हालांकि ट्रांसपोर्ट महकमे ने लिखित तौर पर इस बारे निर्देश नहीं दिए हैं, लेकिन पुख्ता सूत्रों के मुताबिक राज्य के तमाम क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को मौखिक तौर पर निर्देश दिए गए हैं। अगर बस की क्षमता 45 सीटर है तो 10 से 12 सवारियां अधिक बिठाने पर ओवरलोडिंग नहीं मानी जाएगी।
सूत्रों का यह भी कहना है कि विभाग ने केरल हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एक आदेश को बैंचमार्क मानते हुए इस तरह के निर्देश जारी किए हैं। तकनीकी तौर पर देखा जाए तो पुलिस कैसे विभाग के इन मौखिक आदेशों की पालना करेगी। सूबे में ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी तो मौखिक आदेशों की पालना कर रहे हैं, लेकिन इसकी कम्युनिकेशन पुलिस महकमे को भी जरूरी है।
गौरतलब जरूरी है कि बंजार बस हादसे के बाद ओवरलोडिंग को लेकर जबरदस्त तरीके से सख्ती बरती जा रही है। इसका नतीजा यह हुआ है कि छात्रों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें परिवहन सुविधा नहीं मिल रही। सरकारी व निजी बसों में केवल उतने ही यात्रियों को बिठाया जा रहा है, जितनी क्षमता है। उधर ट्रांसपोर्ट निदेशक जेएस पठानिया से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन वो बैठक में व्यस्त बताए गए।