एमबीएम न्यूज/कुल्लू
करीब दो साल पहले युवा आईपीएस अधिकारी शालिनी अग्निहोत्री की जनपद में बतौर एसपी तैनाती हुई। पहली बार पुलिस अधीक्षक के पद को आईपीएस अधिकारी ने बखूबी निभाया। तैनाती के बाद से युवा हर रोज ही आईपीएस शालिनी से प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं की तैयारी को लेकर संवाद करने पहुंच जाते थे। हालांकि उन्हें भी युवाओं से संवाद करना काफी पसंद था, लेकिन कई मर्तबा प्रोफैशनल कारणों की वजह से वक्त नहीं दे पाती थी।
करीब एक माह पहले आईपीएस अधिकारी के मन में विचार कौंधा कि क्यों न नियमित तौर पर ही कक्षा शुरू कर युवाओं का मार्गदर्शन किया जाए। इससे वो न केवल रोजाना ही युवाओं से संवाद कर पाएंगी, बल्कि एक नियमित गतिविधि होगी। शुरूआत में आईपीएस शालिनी की क्लास में 47 स्टुडेंट्स थे। उन्हें लगा कि यह संख्या कम हो जाएगी, लेकिन वो इस बात से बेहद ही प्रभावित हुई, जब पाया कि संख्या घटने की बजाय 67 तक पहुंच गई है। इसी बीच अहम बात यह है कि 67 में से करीब 45 युवतियां इस क्लास का हिस्सा हैं।
एसपी का कहना था कि जब उन्हें लगा कि वो प्रोफैशनल कारणों की वजह से नियमित तौर पर युवाओं की जिज्ञासा को दूर करने के लिए समय नहीं निकाल पा रही तो कक्षा शुरू करने का फैसला ले लिया गया। अब उन्हें इस बात का पता होता है कि रोज सुबह 8 बजे क्लास में जाना है।
एसपी के मुताबिक लेक्चर को फेसबुक पर लाइव किया जाता है, ताकि उन युवाओं तक भी बात पहुंचे जो कक्षा में नहीं पहुंच पाते। इसके अलावा व्हाटस एप ग्रुप के माध्यम से भी नोटस उपलब्ध करवाए जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि एसपी शालिनी ने आईपीएस के 65वें बैच में भी अपने नाम कई बेशुमार उपलब्धियां हासिल की हैं। इसमें सर्वश्रेष्ठ ट्रेनी घोषित हुई थी। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से खास बातचीत में एसपी शालिनी अग्निहोत्री का कहना था कि इस बात की भी खुशी है कि ट्राइबल क्षेत्र के युवा भी इस क्लास का हिस्सा बन रहे हैं।