अमरप्रीत सिंह/सोलन
हिंदी के साथ पहाड़ी तरानों की दमदार प्रस्तुति से लोगों के दिलों पर राज कर चुके सोलन के गायक लक्ष्मीदत्त शर्मा की सुरीली आवाज अब बड़े पर्दे पर सुनाई देगी। बचपन से गुरबत का सामना करते आ रहे इस गायक ने लीक से हटकर बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता अजय देवगन की आने वाली हिन्दी फिल्म में एक गीत को अपने सुरों से सजाकर मायानगरी में दमदार एंट्री की है। लक्ष्मीदत्त ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की एक फिल्म के गीत को भी अपने सुरों में ढाला है। दोनों ही गीतों की टीसीरीज के मैक्स स्टूडियों में रिकॉर्डिंग की गई है।
बॉलीवुड के उक्त दोनों अभिनेताओं की आने वाली हिंदी फिल्मों में लक्ष्मीदत्त शर्मा की आवाज लोगों को सुनने के लिए मिलेगी। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए लक्ष्मीदत्त शर्मा को हिमाचल प्रदेश से लेकर कानपुर तक व इसके बाद मुंबई में काफी समय तक सुर और ताल का कड़ा प्रशिक्षण लेना पड़ा। इसके बाद ही फिल्मों के प्रोड्यूसर ने लक्ष्मीदत्त शर्मा को दो हिन्दी फिल्मों के गीत में आवाज देने के लिए चयनित किया। टीसीरीज के गुडगांव स्थित स्टूडियों में दोनों गीतों की ऑडियो रिकॉर्डिंग पूरी हो चुकी है।
रिकॉर्डिंग के बाद वापस लौटे लक्ष्मी ने एमबीएम न्यूज़ से इस मुकाम तक पहुंचने की पूरी कहानी सांझा की। बचपन से गुरबत में जीते आ रहे लक्ष्मीदत्त ने बताया कि उन्हें शुरू से ही संगीत में रूचि हैं। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि उनके परिवार के किसी सदस्य की संगीत तथा गीत में कभी कोई रूचि नहीं रही है, परंतु वह संगीत को करियर चुन चुके हैं। लक्ष्मीदत्त ने बताया कि जाने माने अभिनेता अजय देवगन की आने वाली हिंदी फिल्म दिवानगी के गीत तेरी मोहब्बत में ओ मेरी जाना, तेरा दीवाना हुआ व अभिनेता सलमान खान की आने वाली हिन्दी मूवी के गीत तेरी बाहों में मुझे रहना है, तेरी सांसों में मुझे बसना है, को उन्होंने अपनी आवाज दी है। इस गीत को जाने माने कंपोजर योगेंद्र ने लिखा हैं।
लक्ष्मीदत्त शर्मा को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कानपुर की जेके फिल्मस इंडिया के बैनर तले 3 माह का कड़ा प्रशिक्षण लिया। लक्ष्मी ने मायानगरी में सुर और संगीत की तमाम बारीकियों को सीखा। प्रशिक्षण के बाद रखे गए ऑडिशन में उनका चयन हिन्दी फिल्म दिवानगी के एक गीत में आवाज देने के लिए हुआ। लक्ष्मीदत्त की इस उपलब्धि से शहर का ही नहीं, बल्कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश का नाम बॉलीवुड में रोशन हुआ है।
लक्ष्मीदत्त ने कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय वह अपनी कड़ी मेहनत तथा जेके फिल्म इंडिया के प्रोड्यूसर एवं डायरेक्टर रमेश कठेरिया के कदम-कदम पर मिले अथाह सहयोग को देते हैं। साथ ही गांव शील के लोगों का उन्हें भरपूर सहयोग मिला है, जिसके लिए वह उनके आभारी हैं।