दीक्षा कश्यप/प्रीति ठाकुर/नाहन
रविवार को हिमाचली चीते के तौर पर अपनी पहचान बना चुके धावक सुनील शर्मा ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। धूप की बढ़ती तपिश में दोपहर के वक्त जहां हर कोई घर में ही दुबक जाता है। वही सिरमौरी लाल पांच जीवन बचाने के लिए सड़कों पर दौड़ कर पसीना बहा रहा था। अब आप सोच रहे होंगे कि रिकॉर्ड कैसे बना है तो चलिए बताते हैं।
3 जून को औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के साथ सटे उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां बाला सुंदरी के प्रांगण से सुनील ने 305 मीटर की ऊंचाई से चैरिटी रन शुरू की, उस समय त्रिलोकपुर का तापमान 38 डिग्री के आसपास था, जो धीरे-धीरे पावंटा साहिब पहुंचने तक 45 डिग्री छू गया। रास्ते में तापमान का उतार-चढ़ाव भी चलता रहा, इसके बाद पावंटा साहिब से शिलाई की दौड़ आसान नहीं थी। चढ़ाई के साथ-साथ तापमान में गिरावट दर्ज होनी शुरू हो गई।
शिलाई से रोनहाट के बीच उत्तर आई में दौड़ पूरी करते हुए सुनील ने गजब का साहस दिखाया, यही नहीं जब अगले दिन रोनहाट से हरिपुरधार का सफर शुरू हुआ तो सामने पहाड़ के बीच लगभग 25 किलोमीटर की चढ़ाई अपने आप में सांस फुला देने वाली थी। रोनहाट से हरिपुरधार के बीच सुनील को ओलावृष्टि के साथ-साथ जमकर बारिश का भी सामना करना पड़ा, लेकिन पांच जीवन बचाने का हौसला बरकरार रखे सुनील दौड़ते रहे।
करीब साढे 7500 फीट की ऊंचाई पर हरिपुरधार में पहुंचने पर भी लोगों ने सुनील को पलकों पर बिठा लिया। उल्लेखनीय है कि कालाअंब की समुद्र तल से ऊंचाई 305 मीटर है। हरिपुरधार के बाद नौहराधार से राजगढ़ फिर सोलन का सफर तय करते हुए सुनील शर्मा शनिवार को सराहा पहुंच गए थे। रविवार को नाहन में भी भरी दोपहर में एंट्री की।
यही तमाम कारण होंगे, जिसमे हिमाचल में सुनील शर्मा ही पहले अल्ट्रा मैराथन धावक होंगे, जिन्होंने लगभग 470 किलोमीटर का सफर 7 दिन में उबड़-खाबड़ रास्तों के इलावा हाईवे पर पूरा किया है। सुनील ने इस बात की भी परवाह नहीं की कि हर स्टेशन के बाद मौसम बदल रहा है। हरिपुरधार का तापमान 15 से 20 डिग्री के बीच था। तो नौहराधार में भी इसी के समानांतर तापमान दर्ज हो रहा था। सोलन में भी सुनील ने चैरिटी एकत्रित की। द ग्रेट सिरमौर रन -3 से पहले भी सुनील शर्मा दो चैरिटी रन कर चुके हैं। इसमें नाहन के चौगान मैदान में 24 घंटे तक ट्रेडमिल दौड़ भी शामिल है, इस दौरान भी सुनील ने रिकॉर्ड कायम किया था।
आयोजकों का कहना है कि सुबह 8:00 से रात 8:00 बजे तक दौड़ने दौड़ने का कार्यक्रम रहता था। रोनहाट से हरिपुरधार दौड़ का सबसे कठिन हिस्सा रहा, इसके इलावा सोलन से सराहा पहुंचना भी कठिन था। रविवार शाम को चौगान मैदान में रोगियों मदद के मकसद से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जा रहा है। सुनील के जज्बे से सिरमौर के एसपी अजय किशन शर्मा भी इस कद्र प्रभावित हुए है कि उन्होंने भी कालाअंब की गर्मी में चार किलोमीटर की दौड़ पूरी की। संगड़ाह के रहने वाले दिव्यांग वीरेंद्र ने भी लगभग 100 -150 किलोमीटर की रन की।
सुनील से विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने बताया की उनका यह अनुभव काफ़ी अच्छा एवं मज़ेदार रहा। कठिन परिस्थिति के बाद भी रन पूरा हो सका,जो लोगो के प्यार की बदौलत सफल हो पाई।