दिनेश कुंडलस/नाहन
सौम्य व मिलनसार स्वभाव के अलावा ऐसा दुर्लभ ही देखने को मिलता है, जब विधायक 16 साल 3 महीने तक एयरफोर्स में देश सेवा करने के बाद राजनीति में आया हो। साथ ही उच्चशिक्षा हासिल करने के क्षेत्र में भी पीछे न हो। इन शब्दों की कसौटी पर 23 मार्च 1971 को पच्छाद के पपलाहा गांव में जन्में सुरेश कश्यप खरा उतरते हैं। परिवार की सादगी व उच्चशिक्षा ही वजह है कि इस समय बीजेपी का आलाकमान शिमला संसदीय सीट से सुरेश कश्यप को टिकट मिला। खास बात यह है कि शिमला सीट से बीजेपी ने कश्यप को जन्मदिन के अवसर पर ही टिकट दिया था।
पच्छाद हलके से कांग्रेस के दिग्गज गंगूराम मुसाफिर अपनी पार्टी में नामी चेहरा हैं। मगर लगातार दो चुनाव में सुरेश कश्यप अपनी काबलियत के बूते विधायक बने। 10 मई 1997 को रजनी कश्यप से परिणय सूत्र में बंधे सुरेश कश्यप एक बेटे के पिता हैं, जो बीटेक की पढ़ाई कर रहा है। एयरफोर्स में सेवाएं देने के बाद सुरेश कश्यप बीजेपी से जुडे़। पच्छाद बीडीसी में 2005-10 तक सदस्य के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बना ली। 2006 से 2009 तक भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष पद पर रहकर पार्टी संगठन के लिए पूरी शिदद्त से कार्य किया।
पार्टी में सुरेश कश्यप का कद इस कारण भी बढ़ा, क्योंकि कांग्रेस के अभेद किले में सेंध लगाने में सफल रहे थे। पच्छाद बीजेपी मंडल के अध्यक्ष रहने के दौरान भी सुरेश कश्यप ने पार्टी संगठन को खूब मजबूती प्रदान करवाने में सफलता हासिल की। यह भी कारण रहा कि कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी इस वक्त पूरी तरह से सशक्त है। शिमला संसदीय सीट पर करीब सवा तीन लाख मतों से जीत हासिल कर अब सुरेश कश्यप ने देश की संसद का सफर शुरू किया है।
क्या है शिक्षा…
पच्छाद से दो मर्तबा विधायक बन चुके सुरेश कश्यप ने लोक प्रशासन में एमफिल की है। यानि पीएचडी से एक कदम पीछे हैं। अंग्रेजी व टूरिज्म स्टडी में पोस्ट ग्रैजुएशन भी की है। इसके अलावा लोक संपर्क व संचार प्रबंधन में डिप्लोमा भी हासिल है। यही नहीं, बीएड की डिग्री भी हासिल की हुई है। भारतीय वायुसेना में 22 अप्रैल 1988 को अपनी सेवाएं शुरू की थी। 16 साल 3 महीने की सेवा के बाद सीनियर नॉन कमीशंड ऑफिसर (एसएनसीओ) के पद से रिटायर हुए।
ये भी हैं विधानसभा की उपलब्धियां...
अपने निर्वाचन क्षेत्र की मांगों को विधानसभा में उठाने को लेकर सुरेश कश्यप माहिर हैं। 2017 में पुनः निर्वाचित होने के बाद सुरेश कश्यप को सामान्य विकास समिति का चेयरमैन भी बनाया गया है। इसके अलावा कल्याण व आचार समिति के विधानसभा में सदस्य भी हैं। विधायक का कहना है कि खाली वक्त में रीडिंग व टूरिज्म के अलावा ट्रैवेलिंग उनका खास शौक हैं। विधायक को हिन्दी व अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है।