एमबीएम न्यूज़/ऊना
रिश्वत लेने के मामले में आरोपी चल रहे नालागढ़ के आरटीओ ओम प्रकाश पुरी को विजीलेंस की टीम ने 10 लाख रुपये की रिश्वत की पेशकश के बाद रंगे हाथ काबू किया है। आरोपी आरटीओ विजीलेंस के एक अधिकारी को अपने पुराने केस को हल्का करने और उसकी आय से अधिक संपति के मामले की जांच न करने की एवज में रिश्वत देने की पेशकश की थी। जिसके बाद विजीलेंस टीम ने ट्रेप लगाकर आरोपी आरटीओ को 10 लाख रुपये नकद राशि सहित दबोच लिया है और इसे पूछताछ के बाद बुधवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। इसकी पुष्टि विजीलेंस के एएसपी सागर चंद ने की है। कार्रवाई में जुटी विजीलेंस की टीम
आरोपी अधिकारी को ऊना का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। जानकारी अनुसार विजिलेंस की टीम ने मैहतपुर में विजिलेंस को देने के लिए दस लाख रुपए के साथ ट्रैप किया है। ओमप्रकाश पुरी ने अपने खिलाफ दर्ज मामले की जांच को हल्का करने तथा उसके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति का मामला की जांच न करने के लिए विजीलेंस टीम को रिश्वत 10 लाख रुपये देने का ऑफर दिया। जिस पर विजीलेंस टीम ने रिवर्स ट्रैप लगाया और मंगलवार सुबह 10 लाख रुपये मंगलवार को मैहतपुर में सुबह देना तय हुआ था।
गवाहों की मौजूदगी में विजीलेंस ऊना की ट्रैप टीम ने इस रिवर्स ट्रैप में आरटीओ ओम प्रकाश पुरी को 10 लाख रुपये के साथ दबोच लिया। इसके खिलाफ भ्रष्टाचार उन्मूलन की धारा 8 तथा 12 के तहत एफ आई आर दर्ज कर ली गई है। आरटीओ ओम प्रकाश पुरी ने दर्ज मामले को रफा-दफा करने के लिए विजीलेंस विभाग में कार्यरत इंस्पेक्टर कमलेश कुमार से संपर्क साधा और इस मामले को हल्का करने के लिए 10 लाख रुपए देने की पेशकश की। जिसके बाद इंस्पेक्टर कमलेश कुमार ने पूरा मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया और एएसपी सागर चंद ने इस मामले में रिवर्स ट्रैप की योजना बनाते हुए इंस्पेक्टर कमलेश कुमार को शिकायतकर्ता बना कर आरटीओ को रंगे हाथों पकडऩे की योजना बनाई।
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इस ट्रैप में आरटीओ ओम प्रकाश पुरी फंस गए,जिससे विजीलेंस विभाग को बड़ी सफलता मिली है।रिश्वत लेते हुआ था विडियो वायरलबता दें कि 28 फरवरी को आरटीओ ऊना का कार्यभार देख रहे नालागढ़ के आरटीओ द्वारा ऊना आरटीओ कार्यालय में पैसे का लेनदेन करते हुए विडियो वायरल हुआ। पांच अलग-अलग वायरल विडियो क्लीप में आरटीओ पैसे का लेनदेन करते हुए दिख रहे है। शिकायत के बाद विजिलेंस की टीम ने विडियों में दिख रहे एक एजेंट को गिरफ्तार कर लिया और आरटीओ के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज हुआ।
मामला दर्ज होने के बाद आरटीओर नालागढ़ ओम प्रकाश पुरी भूमिगत हो गया। विजीलेंस ने काफी तलाश की, लेकिन काबू न हो पाया। इसी बीच आरटीओ ने शिमला कोर्ट में जाकर अग्रिम जमानत ली थी। चल रही जांच के बीच आरटीओ ने विजीलेंस के एक अधिकारी को 10 लाख रुपये देने की योजना बनाई, जिसमें आरटीओ स्वयं ही फंस गया और विजीलेंस ने रिश्वत देते रंगे हाथ दबोच लिया।