नाहन (एमबीएम न्यूज): अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला सिरमौर इकाई के दो गुटों के बीच आई दरारें तो भर गई है। लेकिन अब महासंघ की इमारत में बड़ी-बड़ी दरारें जरूर पड़ गई है। इस इमारत का न खुलना भी अपने आप में बड़े सवाल खड़ा का रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि कर्मचारियों के बीच अब भी सब कुछ ठीक नहीं है।
नाहन में स्थित कर्मचारी भवन।आईपीएच नाहन सर्कल के कार्यालय को जाने वाले रास्ते पर सालों पहले बनी अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की दोमंजिला इमारत अब कभी भी ढह सकती है। सालों से कर्मचारियों को दो गुटों में बंटना और बाद में एक हो जाना, कहीं दिखाया तो नहीं है। यदि सब कुछ ठीक होता तो क्या इमारत को खोला नहीं जा सकता था। साथ ही इसकी मरम्मत आदि भी हो सकती थी। मगर ऐसा नहीं हुआ। इसी के चलते गुटबाजी को एक बार भी हवा मिलती दिखाई दे रही है।
सालों से इमारत के प्रवेश द्वार पर ताला लटका है। हालांकि इस भवन का प्रयोग वर्तमान में नहीं हो रहा है। मगर आईपीएच. कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारी या अन्य लोग इसी रास्ते का प्रयोग करते हैं। ऐसे में यदि इमारत ढहती है, तो हादसा होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। दूसरी मंजिल की हालत तो इतनी खराब हो गई है कि प्रत्येक कमरे में बड़ी-बड़ी दरारें है, जिसके चलते यह मंजिल कभी गिर सकती है।
उल्लेखनीय है कि अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने कुछ ही समय पहले जेसीसी की बैठक में भी यह मुद्दा रखा था। साथ ही सी.एम. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समक्ष भी यह मामला उठाया जा चुका है। इमारत में बिजली-पानी के कनेक्शन भी अब तक नहीं दिए गए है। महासंघ लगातार इस कार्यालय की हालत सुधारने की मांग करता आ रहा है। यदि यही आलम रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब लाखों रूपए की लागत से बनी यह इमारत ढह जाएगी।
गेट पर ताला, तो कौन कर रहा कमरे का इस्तेमाल
कर्मचारी भवन में पड़ी बड़ी-बड़ी दरारेइमारत के मु य गेट पर ताला लगा है। बावजूद इसके दूसरी मंजिल के एक कमरे में बिस्तर लगा है। देखने से लगता है कि इमारत के साथ चढक़र कोई गरीब व्यक्ति इसका इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही कई पानी की बोतलें भी यहां पड़ी है। ऐसे में यदि इमारत ढहती है तो इसका इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की जान पर भी बंध सकती है।
पहले गुटबाजी, अब बनी एकता, पर समाधान नहीं
सालों से कर्मचारी महासंघ का भवन बंद पड़ा है। इसका एक बड़ा कारण पूर्व में कर्मचारी महासंघ का दो गुटों में बंटना रहा है। मगर अब दोनों गुटों में एकता बन चुकी है। फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
10 लाख से हुआ था इमारत का निर्माण
कर्मचारी महासंघ की इस इमारत पर करीब 8 से 10 लाख रूपए व्यय किए गए थे। 18 अक्तूबर 2006 में उस समय डीसी रहे राजेंद्र सिंह नेगी ने इसका शुभारंभ किया था। इसके बाद बेहद कम ही इस कार्यालय का प्रयोग किया गया।
खस्ताहाली देख जांच के दिए थे आदेश
जानकारी के अनुसार पूर्व में सहायक आयुक्त दीप्ति मढोत्रा ने इस इमारत का निरीक्षण किया था। इस इमारत का निर्माण डी.आर.डी.ए. के माध्यम से करवाया गया था। उस समय सहायक आयुक्त ने इमारत की खस्ताहाली को लेकर जांच के आदेश जारी किए थे।
क्या कहते हैं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष?
इस मामले में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष बिजेंद्र कंवर ने इस बात की पुष्टि की है कि इमारत को लेकर जांच के आदेश दिए गए थे। उन्होंने माना कि इमारत की हालत बेहद खराब हो चुकी है। यह मामला महासंघ ने सी.एम. व डी.सी. के समक्ष भी रखा है। बिजली-पानी का कनेक्शन भी नहीं मिला है। कंवर ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि इमारत की हालत जल्द से जल्द सुधारने के दिशा निर्देश जारी किए जाएं।