बद्दी (एमबीएम न्यूज) : औद्योगिक नगर बद्दी में उद्योग अब लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने पर उतर आए हैं। भुड्ड स्थित रत्ता खड्ड में दवा उद्योग अफी फार्मा द्वारा अपने एक्सपायर कैप्सूल रत्ता नदी में फैंक दिए व कई दिनों तक वहां पड़े रहने के चलते यह कैप्सूल बदबू मारने लगे हैं। स्थानीय लोगों समाजसेवी बबलू पंडित कुछ ग्रामीणों को लेकर रत्ता नदी में पहूंचे व संबधित विभागों को इसकी जानकारी दी, ताकि यह एक्सपायर दवाईयां मानव जाति व पशु-पक्षियों को कोई नुकसान न पहुंचा सके।
विदित हो कि बुधवार को सामने आए मामले में नदी के बीचोंबीच किसी उद्योग ने रिजेक्टिड बॉयोमेडिकल वेस्ट (कैप्सूल) लाखों की मात्रा में खुलेआम रत्ता नदी में फैंके हुए थे, जो पर्यावरण सहित पानी में जहर घोलने जैसा है। घटनास्थल पर भारी मात्रा में कैप्सूल का ढेर पाया गया, जिसे फिलहाल सॉफ्ट जैलेटिन कैप्सूल बताया जा रहा है। लाखों की मात्रा में पड़े कैप्सूलों में हरे, नारंगी, लाल, काले, पीले कैपसूलों के पॉलाथीन और बोरे बिखरे पड़े थे।
यह कैमिकल करीबन 10 दिनों से पड़ा बताया जा रहा है। कैमिकल युक्त यह कैप्सूल जमीन पर पड़े-पड़े पिघल रहे हैं, जो लगातार जमीन में मिलते जा रहे हैं। इतना ही नहीं बरसाती सीजन के चलते कैमिकल युक्त कैप्सूल पानी में जहर घोल रहे हैं, जिससे क्षेत्र में बार-बार मछलियां मरने के समाचार प्राप्त होते हैं। क्षेत्र में कभी भैंस, तो कभी जंगली जानवर और मछलियों का मरना आम हो गया है।जानकारी के मुताबिक रत्ता नदी का पानी सरसा नदी में मिलता है जो सीधा पंजाब की सतलुज में मिलता है।
ईटीपी में ट्रीटमेंट जरूरी
उद्योगों से निकलने वाले घातक कैमिकल और कैप्सूलों को नियमों के मुताबिक ईटीपी में ट्रीट करना होता है, या फिर शिवालिक बॉयोमेडिकल वेस्ट को भेजना अनिवार्य किया गया है। अगर कोई उद्योग ऐसा नहीं करता तो उस पर नियमों के उल्लंघन करने और पर्यावरण को प्रदूषित करने सहित कई मामलों में कार्रवाई की जा सकती है।
इतना ही नहीं ऐसा करने वाले उद्योग पर कानूनी कारवाई भी अमल में लाई जाती है। उद्योगों द्वारा कभी नदियों में गंदा पानी छोड़ा जाता है तो कभी बॉयोमेडिकल वेस्ट, ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब किसी उद्योग ने लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया हो। प्रदूषण विभाग के सख्त रवैये के चलते भी यह उद्योग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं व बारिश होते ही गंदा पानी नदियों में छोड़ देते हैं व एक्सपायर दवाएं पानी में बहा देते हैं, जिसका सीधा नुकसान पर्यावरण को व यहां पानी पीने वाले जीव जंतुओं व जंगली जानवरों को होता है।
कंपनी को थमाया गया है नोटिस-प्रवीण गुप्ता
प्रदूषण विभाग के एसई प्रवीण गुप्ता ने बताया कि संबधित दवा कंपनी को इस लापरवाही के मामले में नोटिस देकर जबाव मांगा गया है। वहीं विभाग के एसडीओ चंदन शर्मा भी मौके पर पहुंचे और नदी में खुलेआम फैंके कंपनी के बॉयोमेडिकल वेस्ट की जांच शुरू कर सैंपल लिया है। प्रदूषण विभाग हर मामले में सख्त है और किसी को भी लोगों के जीवन से खेलने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
वहीं दूसरी ओर सूचना के बाद ड्रग ऑफिस से इंस्पेक्टर सुरेश नायक और इंस्पेक्टर लवली ठाकुर ने नदी में फैंके कैप्सूलों की जांच की व उन्हें अपने कब्जे में लिया। पीसीबी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए माल को कब्जे में लेकर उसकी जांच शुरू कर दी है और बॉयोमेडिकल वेस्ट उठाने वालों को इसको उठाने को कह दिया है।