धर्मशाला (एमबीएम न्यूज): तीन साल गुजर चुके है, बेटे का शव जो अब कंकाल बन चुका है, नूरपुर के डैड हाऊस में रखा गया है। लेकिन परिवार पुलिस की लाख कोशिश के बावजूद कंकाल का अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं है। अपनी तरह के इस अनोखे मामले में कैसे एक परिवार बेटे के कंकाल का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहा है, इस दर्दनाक बात को शब्दों में बयां करना टेढ़ी खीर है।
पुलिस की जिम्मेदारी भी देखिए, हर रोज 24 घंटे इस कंकाल की पहरेदारी करनी पड़ती है। परिवार अब भी इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि बेटे की मौत नदी में डूबने की वजह से हुई थी। परिजन अब भी नहीं चाहते हैं कि अपने लाडले बेटे का हिन्दू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार हो।
हाल ही में पुलिस ने इस मसले पर कड़ा रुख अपनाया। इसके तहत परिजनों को कंकाल लेेने का नोटिस जारी किया गया। इसकी मियाद शनिवार को पूरी हो गई। लेकिन परिवार ने कंकाल नहीं लिया। अब पुलिस इस मामले में कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है, ताकि अपने स्तर पर ही इस कंकाल का क्रियाकर्म किया जा सके।
पुलिस के मुताबिक परिजनों ने नोटिस को रिसीव कर लिया था। साथ ही कंकाल को जल्द ही ले जाने की बात भी कही। लेकिन अब परिजन आलाधिकारियों से बात करने के बाद कंकाल को ले जाने की बात कर रहे हैं। मामला ज्वाली उपमंडल के फतेहपुर का है।
क्या है मसला?
पुलिस के मुताबिक 3 जून 2012 को रजत की मौत उस वक्त हो गई थी, जब वह अपने तीन दोस्तों के साथ मेले में गया था। दसवीं कक्षा के छात्र रजत की गुमशुदगी की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई गई। 13 दिन बाद पौंग बांध के किनारे क्षत-विक्षप्त शव बरामद हुआ। परिजनों ने इसकी शिनाख्त रजत के तौर पर कर ली। लेकिन साथ ही हत्या की आशंका जताई।
पुलिस की जांच में हत्या की बात साबित नहीं हुई। लिहाजा मामला तूल पकडऩे लगा। इसके बाद जांच की जिम्मेदारी सीआईडी को सौंपी गई। 25 जून 2012 को धरना भी दिया गया। इसके बाद ही जांच सीआईडी को सौंपी गई थी। सीआईडी ने भी कैंसलेशन रिपोर्ट बनाई। पुलिस ने हालांकि दबाव बढऩे पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन जांच में यह बात साबित न होने के कारण बाद में कैंसलेशन रिपोर्ट बनानी पड़ी।
क्यों नहीं ले जा रहा परिवार कंकाल?
हालांकि सीधे तौर पर इस मामले में कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन बताया जा रहा है कि परिवार अब भी यही उम्मीद कर रहा है कि रजत की हत्या की गई थी। अगर परिवार शव को लेकर अंतिम संस्कार कर देता तो शायद केस कमजोर हो जाता। यही सोच परिवार की रही होगी। अब यह भी कहा जा रहा है कि तीन साल पहले रजत के साथ मेले में गए तीनों युवकों का नार्को टैस्ट करवाने की मांग उठ सकती है।
“कंकाल को लेने के लिए नोटिस जारी किया गया था। शनिवार तक का वक्त दिया गया था। अब कानूनी तरीके से अगला कदम उठाया जाएगा। पहले भी परिवार को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन हर बार कंकाल को लेने के लिए टालमटोल की गई।” -अभिषेक दुल्लर, एसपी, कांगड़ा