एमबीएम न्यूज / शिमला / नाहन
बहुचर्चित इंडियन टेक्नोमैक घोटाले में क्राइम ब्रांच ने कंपनी के डीजीएम (अकाउंटस) रहे विवेक लाल को गिरफ्तार किया है। आरोपी को पांवटा की अदालत में पेश किया गया। यहां से उसे 5 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

इस मामले में अकाउंटस विभाग से ही ताल्लुक रखने वाले विवेक गुप्ता को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तारी कंपनी के फर्ज़ीवाड़े से सीधे तौर पर जुडी है । शनिवार को क्राइम ब्रांच ने विवेक लाल को एसपी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
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क्राइम ब्रांच ने आरोपी विवेक लाल के दिल्ली कार्यालय में पिछले कई दिनों में तीन मर्तबा दबिश दी थी। इसमें दिल्ली पुलिस की भी मदद ली गई, लेकिन कार्यालय में मौजूद नहीं मिला। इसके बाद दिल्ली पुलिस की ही मदद से उस पर जांच में शामिल होने को लेकर लगातार दबाव बनाया जाता रहा। पूर्व डीजीएम ही इंडियन टेक्नोमैक कंपनी में कच्चे माल व बिजली के बिलों के फर्जी भुगतान के अकाउंटस को देख रहा था। इस गिरफ्तारी में अहम बात यह है कि अब क्राइम ब्रांच को यह खुलासा हो पायेगा कि कैसे फ़र्ज़ी बिलो के माध्यम से हजारो करोड़ के लोन लिए गए।
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सूत्रों के मुताबिक पूर्व डीजीएम ने क्राइम ब्रांच के समक्ष यह कबूला है कि बरामद किए गए दस्तावेजों पर उसी के हस्ताक्षर हैं। साथ ही इस मामले में कुछ अन्य लोगों की संलिप्तता का भी खुलासा किया है। फर्जी बिलों का इस्तेमाल कंपनी के टर्नओवर व बैलेंस शीटे में गड़बड़ करने के लिए किया जाता था ताकि बैंकों से भारी भरकम ऋणों का जुगाड़ किया जा सके।
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क्राइम ब्रांच को यह भी पता चला है कि पूर्व डीजीएम ही कंपनी को फर्जी ऋण दिलवाने में भूमिका निभाता था। बैंकों के अधिकारियों से भी मुलाकात करता था। एसपी (क्राइम) संदीप धवल ने पुष्टि करते हुए कहा कि 5 जुलाई तक रिमांड मिला है। इस दौरान गहनता से पूछताछ की जाएगी।
गौरतलब है कि इस मामले में सिरमौर के डीसी रहे एमएल शर्मा के बेटे सहित दो गिरफ्तारियां पहले भी हो चुकी हैं। बताया जा रहा है कि बैंकों से हेराफेरी व अन्य गड़बडिय़ों को लेकर सरकार ने मामले को अब प्रवर्तन निदेशालय को सौंपने का भी फैसला लिया है, लेकिन क्राइम ब्रांच पहले से दर्ज मामलों की जांच करती रहेगी।