शिमला (एमबीएम न्यूज़) : ढली थाना अंतर्गत कोटी जंगल में बड़े पैमाने पर हुए अवैध कटाने के मामले पर राज्य सरकार हरकत में आ गई है। वन मंत्री गोविंद्र सिंह ठाकुर खुद रविवार को कोटी जंगल पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। वन मंत्री ने अवैध कटान वाले इलाके का मुआयना किया और वन महकमे को अगली कार्रवाई करने को कहा।
उन्होंने वन विभाग को अपनी फोर्स बढ़ाने तथा पुलिस को अवैध कटान के आरोपियों को जल्द पकड़ने के निर्देश भी दिए। इस मौके पर वन महकमे के आला अधिकारियों के अलावा पुलिस का जांच दल भी मौजूद था।
वन मंत्री ने बताया कि कोटी फारेस्ट रेंज में अवैध कटान पिछले 3-4 सालों से चल रहा था। उनके पास 400 से अधिक पेड़ों के काटने की रिपोर्ट पहुंची है। इनमें देवदार के 85 पेड़ शामिल हैं, जिनके 150 स्लीपर बनाए गए हैं। इकसे अलावा चील के 65 और कायल के दो पेड़ काटे गए हैं, जिनका कोयला बनाया गया है। बान के 257 पेड़ काटे गए हैं। वन मंत्री ने कहा कि पेड़ों को काटने के बाद अवैध तौर पर कोयला बनाया गया है। मंत्री के मुताबिक इलाके में अवैध कटान के अलावा अवैध खनन भी हो रहा था। लिहाजा इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी।
उधर, जांच अधिकारी व डीएसपी दिनेश शर्मा ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस की जांच जारी है और उस जमीन की पैमाइश की जा रही है, जिससे पेड़ काटे गए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध कटान के इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बता दें कि विभागीय जांच के लिए वन विभाग ने इस मामले में पीसीसीएफ की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की है, जो विभागीय अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका की जांच करेगी। चौंकाने वाली बात यह है कि कोटी क्षेत्र में अवैध वन कटान रातों-रात नहीं हुआ। लंबे समय से सुनियोजित तरीके से जंगल से वन काटे जा रहे थे, बावजूद वन कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लग पाई।
वन विभाग द्वारा इस मामले में ढली थाने में दर्ज एफआईआर में स्थानीय निवासी भूप राम को अवैध कटान का आरोपी बताया गया है। लेकिन भूप राम का कहना है कि उसने अपनी निजी भूमि पर से ही पेड़ काटे हैं।
उधर डीएसपी दिनेश के मुताबिक यह व्यक्ति पुलिस जांच में सहयोग कर रहा है और पुलिस इस मामले की तफतीश कर रही है।