राजगढ़ (एमबीएम न्यूज): एक अरसा पहले राजगढ़ को पीच वैली ऑफ एशिया का दर्जा मिला। प्रतिकूल मौसम व विपणन की परेशानियों की वजह से नौबत यह भी आई कि लोग आडू के पेड़ों को काटने लगे। लेकिन अब एक चौंकाने वाली खबर आई है। पेशे से पत्रकार राजेश कमल सूर्यवंशी चर्चा में हैं। काथली भरण पंचायत के प्लाऊ गांव में पपीते का बगीचा तैयार कर दिया है।
संभवत: आडू की पैदावार के लिए पहचान रखने वाली घाटी में पपीते का व्यवसायिक बगीचा पहला ही है। तकरीबन पांच हजार फुट की ऊंचाई पर इस गांव में पपीते का बगीचा तैयार करना, संभव नहीं हो सकता था। लेकिन राजेश कमल की शब्दावली में असंभव शब्द नहीं था, लिहाजा नामुमकिन कार्य को मुमकिन कर दिखाया। उम्मीद के मुताबिक एक वर्ष में 20 से 40 किलो फल एक पौधे से लिया जा सकता है। पौधे के व्यस्क हो जाने की सूरत में यह आंकड़ा 100 से 120 किलो पहुंच जाएगा। डिस्को किस्म की यह नवीन किस्म है।
अमूमन पपीता पकने के बाद पीला होता है, लेकिन राजेश कमल के बगीचे में पपीता लालीमा बिखेरेगा। बडू साहिब प्रबंधन द्वारा बगीचे से पपीते की खरीद भी शुरू हो चुकी है। यदि राजेश कमल का यह प्रयास सफल हुआ तो मुमकिन है कि आडू के इलाके में पपीते की महक बिखरेगी, क्योंकि दर्जनों बगीचे तैयार हो जाएंगे। क्षेत्र के बुद्धिजीवी व लेखक शेरजंग चौहान का कहना है कि इस उपलब्धि के लिए राजेश कमल बधाई के पात्र हैं, जो नई-नई कृषि तकनीकों का प्रयोग करते रहते हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में राजेश कमल सूर्यवंशी ने कहा कि सामान्य तौर पर पपीते की खेती मैदानी इलाकों में होती है। उनका गांव पांच हजार फीट की ऊंचाई पर है। उन्होंने कहा कि इस साल बगीचे में फल लगने से काफी उत्साहवद्र्धन हुआ है।