बद्दी (एमबीएम न्यूज़): दून हल्के के पहाडी पंचायतों में चुनावों के मददेनजर चुनावी आचार संहिता लगने से ठीक पहले दून के कुछ राजनेताओं द्वारा बांटे गए दीवाली गिफ्ट के रूप में इंडक्शन चूल्हे ज्यादातर डिफैक्टिव अथवा रिजैक्टिड निकले है। लिहाजा नेताओ द्वारा वितरित किये गए घटिया इंडक्शन चूल्हो से लोगो में गुस्सा है। इंडक्शन चूल्हे इस कारण बांटे गए थे, ताकि लोग पंरपरागत लकडी चूल्हों को छोड कर स्वच्छ चूल्हों का प्रयोग करें और महिलाएं धुंए से बचें। साथ ही गिफ्ट बाँटने वाले नेताओ को इसका फायदा चुनाव में हो जाये। मगर दाव उल्टा पड़ता दिख रहा है।
महिलाओं का कहना है कि कबाड से अच्छा तो हमारी लकडियां जलाना ही ठीक है। गौरतलब है कि चुनाव नजदीक आते देखकर दून के एक सियासतदान ने पहाडी पंचायतों के वोटरों को रिझाने के मकसद से दिवाली पर्व के उपलक्ष पर लगभग 10 हजार से ज्यादा इंडक्शन चूल्हे, वाशिंग मशीन आदि हर घर में दिवाली गिफ्ट के रूप में वितरित किये थे, जिनमें से ज्यादातर रिजैक्टिड सामान होने की वजह से ये नेता हंसी का पात्र बनकर रह गये हैं।
अधिकतर लोागों का कहना है कि राजनेताओं ने पहाडी गांवो के लोगों को मूर्ख समझकर किसी देसी कंपनी का सालों पुराना घटिया सामान कबाड के रूप में उठाकर गांव गांव में बांट दिया। जिसके कारण से इस राजनेता की आजकल हर घर में किरकिरी हो रही है तथा भोले भाले व ईमानदारी ग्रामीणों व महिलाओं का कहना है कि पहाडी क्षेत्रों की महिलाएं एक चूल्हे पर अपना वोट कभी खराब नहीं करेंगी।
पहाडी क्षेत्रों के बुद्विजीवी लोगों राम प्रकाश, सुभाष शर्मा, प्रदीप शर्मा, महेश वर्मा, राजेश पंवार, हरीश वर्मा, राम कृष्ण, राज राणी, इन्दु देवी, फूलो देवी, जयदेई, सुनीता, तारामती, कौशल्या, विद्या देवी, जानकी देवी, पार्वती देवी, कामायनी आदि अनेकों महिलाओं का कहना है कि पांच सालों मेें तो एक बार भी किसी के घर पर कोई भी दुख सुख में आता नहीं है इस बार चुनावी वर्ष को देखते हुए अलग-अलग बैनर लगाकर भिन्न भिन्न पार्टी के लोग सभी के हिमायती बनकर हमदर्द बंटा रहे हैं, लेकिन यह जागृत जनता है , इन्हे अच्छी तरह से जानती है।