शिमला (एमबीएम न्यूज) : सूबे में विधानसभा चुनाव की रंगत रफ्तार पकड़ रही है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तूफानी दौरों पर निकले हुए हैं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल अब तक प्रचार में नहीं निकले हैं। लाजमी तौर पर संशय तो पैदा होगा ही। आम मतदाताओं को इसके दो कारण नजर आ रहे हैं। पहला यह कि अब तक उन्हें सीएम पद का कैंडीडेट पार्टी ने नहीं बनाया है।
दूसरा यह कि उनका अपना निर्वाचन क्षेत्र हमीरपुर से बदलकर सुजानपुर क्यों किया गया। हाल ही में पूर्व सीएम की आंखों से छलके आंसुओं की तस्वीरें व वीडियो जमकर वायरल हुए थे। वरिष्ठ पत्रकार राजेश मंढोत्रा से विशेष बातचीत के दौरान पूर्व सीएम धूमल ने अपने दौरों को लेकर कहा कि नामांकन के लिए उनका शैडयूल पहले से तय था। अब नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चार संसदीय क्षेत्रों में जनसभाएं संबोधित करनी है। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तमाम 17 संगठन जिलों में आ रहे हैं।
खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा लगातार चुनाव प्रचार में लगे हैं। हालांकि आंकड़ा उपलब्ध नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि 20 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में नड्डा अब तक प्रचार करने पहुंच चुके हैं। वहीं धूमल ने एक भी विधानसभा में प्रचार का कार्यक्रम नहीं बनाया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री का शैडयूल भी बन रहा है। लिहाजा दौरे आपस में न टकराएं, इसलिए हम भी इंतजार कर रहे हैं। दो-तीन दिन में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इसके बाद चुनाव प्रचार में निकल जाऊंगा। दीगर रहे कि विगत में मुख्यमंत्री का चेहरा सामने रखकर भाजपा चुनाव लड़ती रही है। जबकि कांग्रेस इससे बचती थी, लेकिन आज परिस्थितियां उलट हैं। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री का चेहरा वीरभद्र सिंह को बना दिया है, वहीं भाजपा खामोश है।
बहरहाल पीएम की पहली जनसभा में ही यह साफ हो पाएगा कि प्रो. प्रेम कुमार धूमल ही भाजपा के सीएम कैंडीडेट होंगे या नहींं। दो बार मुख्यमंत्री रह चुके प्रो. प्रेम कुमार धूमल सूबे में हरेक जगह की नब्ज को जानते हैं।