मंडी (वी कुमार) : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर रविवार को मंडी जिला के दौरे पर आए तो ऐसा लगा कि शायद हरियाणा के साथ हिमाचल के अधिकारों की जो लड़ाई चल रही है उस पर अपनी बात स्पष्ट रूप से रखेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। मीडिया कर्मियों के साथ 2 मिनट सेभी कम की अनौपचारिक बातचीत में सीएम मनोहर लाल खट्टर हिमाचल के अधिकारों की बात पर गोलमोल जबाव दे गए। बता दें कि भाखड़ा ब्यास लिंक परियोजना में हिमाचल प्रदेश को 7.19 प्रतिशत की हिस्सेदारी देने का फरमान सुप्रीम कोर्ट सुना चुका है, लेकिन यह हिस्सेदारी अभी मिली नहीं है।
इस मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार को मध्यस्तता करके पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से हिमाचल के हिस्से को अदा करने का आदेश जारी किया है। इस पर जब सीएममनोहर लाल खट्टर से पूछा गया कि क्या आप हिमाचल के अधिकारोंकी पैरवी करेंगे तो सीएम साहब गोलमोल जबाव दे गए। उन्होंने कहाकि इस बारे में मिल बैठकर बात की जाएगी और जो भी रास्ता बनेगावह किया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ बीएसएल प्रोजैक्ट सुंदरनगर में चीफ इंजीनियर कापद हरियाणा के हिस्से में गया हुआ है। इस पद पर हरियाणा सरकार ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति करती है जिसकी सेवानिवृति को मात्र 6 महीनेबचे हों। ऐसे में अधिकारी अपने कार्यकाल का अंतिम समय बिताने यहां आते हैं। इस पर जब सीएम मनोहर लाल खट्टर से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कहा कि इस बारे में विभाग के साथ मिलकर कोईअच्छा रास्ता निकालने का प्रयास किया जाएगा।
वहीं बीबीएमबी के सुंदरनगर अस्पताल में भी हरियाणा सरकार के कोटे के डाक्टरों के पद खाली चल रहे हैं। इस पर भी सीएम साहब की प्रतिक्रिया लेनी चाही लेकिन सीएम साहब ने मीडिया के बाकी सवालोंकी तरफ ध्यान नहीं दिया। बहरहाल उम्मीद की जानी चाहिए कि हरियाणा से हिमाचल को जो हक मिलना है उसपर भविष्य मेंसकारात्मकता से विचार किया जाएगा।