घुमारवीं: “जाको राखे साईयां मार सके न कोई” यह कहावत प्रमाण देती है, जब मौत आपसे एक इंच दूर हो, लेकिन आप बच जाते हैं। एक हादसे में सात लोगों की जान एक लोहे का एंगल ने बचा ली। उपमंडल के अंतर्गत पड़ने वाली ग्राम पंचायत डंगार में राष्टीय उच्च मार्ग शिमला-धर्मशाला पर दो अक्तूबर को हुए हादसे ने उस वक्त लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए थे, जब ओवर स्पीड कार अनियंत्रित होकर दुकान के सामने आ गिरी।
इससे पहले कि गाड़ी आगंन में पहुंचती,एक बाइक व स्कूटर को चकनाचूर कर दिया। स्पीड इतना ज्यादा थी कि कार ने स्कूटर को 20 फुट दूर उठाकर फेंक दिया। एक आल्टो कार को भी तोड़ दिया, लेकिन कार लोहे के एंगल से टकराई व पलट गई। इस दुकान के पास खड़े लोगों दीप कुमार कृष्ण चंद सुनील कुमार ने बताया कि दुकान मालिक व कृष्ण चंद व एक अन्य व्यक्ति कुर्सी पर बैठे थे, जिन्हें कतई भी अंदाजा नहीं था कि इस तरह मौत सामने से आ जाएगी।
कार हादसा इतना भयानक था कि कुछ सोचने का वक्त ही नहीं मिला और गाडी पूरी स्पीड के साथ लोहे के एंगल से टकरा गई और पलट गई। कृष्ण चंद को मामूली चोट आई है तथा दुकानदार उत्तम को सिर पर चोट लगी है। लोगों की माने तो लोहे का एंगल सात लोगों की जान बचा गया। अगर यह न होता तो सात लोगों की मौत तय ही थी। हुआ कैसे कांगडा से एक परिवार शिमला शादी में जा रहा था, जिसमें लड़के रिशु के माता- पिता थे।
लड़का कार चला रहा था। बूढ़े माता- पिता के आंसू रुक नहीं रहे थे, हर कोई हैरान था कि आखिर ये सात लोग बचे कैसे होंगे। इसमें चार लोग वो है जो कुर्सी लगा कार बैठे थे, जबकि तीन कार में सवार थे। सवाल यह उठता है कि मात्र 100 मी ऊपर इस चौराहे पर को स्पीड कंट्रोल करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, अगर लोहे के बैरिगेटस होते तो हादसा न होता, क्योंकि कार की स्पीड कम हो गई होती।